Saturday, July 12

सड़क किनारे खेत में मिला डीडीए के क्लर्क का शव

Pinterest LinkedIn Tumblr +

मेरठ 23 अक्टूबर (प्र)। जानीखुर्द नंगला किठौली संपर्क मार्ग पर मंगलवार सुबह दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) में क्लर्क 32 वर्षीय नीरज उर्फ सन्नी का शव सड़क किनारे खेत में पड़ा मिला। पास ही उसकी बाइक पड़ी थी। नीरज सोमवार रात ड्यूटी से बाइक पर घर आ रहा था। परिजनों ने नीरज की हत्या की आशंका जताई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

गांव किठौली निवासी नीरज उर्फ सन्नी पुत्र सतपाल दिल्ली डीडीए में क्लर्क था। नीरज रोजाना बाइक से आता-जाता था। सोमवार की रात 11 बजे नीरज ने अपनी पत्नी मानसी के पास फोन कर बताया था कि वह रास्ते में है। आधे घंटे में घर पहुंच जाएगा। घर न लौटने पर पत्नी मानसी ने कॉन की, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई। इसके बाद भी मानसी ने कई बार कॉल किया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई। अनहोनी की आशंका पर मानसी ने नीरज के कॉल रिसीव न करने की जानकारी परिजनों को दी। इसके बाद रात में नीरज की तलाश की गई, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल पाया। तलाशी के दौरान मंगलवार सुबह नंगला किठौली मार्ग पर किठौली के पास एक खेत में नीरज का शव पड़ा मिला। पास ही उसकी बाइक पड़ी थी। नीरज के शरीर पर किसी प्रकार चोट आदि का निशान नहीं था। बाद में पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस को पेंट की जेब से मोबाइल और कुछ नकदी बरामद हुई पुलिस की फोरेंसिक टीम ने भी मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए। सीओ संजय जायसवाल ने बताया कि नीरज के शव पर चोट आदि का कोई निशान नहीं मिला है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मीत का कारण पता चल पाएगा। अभी परिजनों की ओर से घटना की तहरीर नहीं दी गई है।

परिवार में अकेला कमाने वाला था नीरज
गांव किठौली निवासी नीरज की मौत के बाद परिवार मातम में डूबा है। परिवार पर आर्थिक संकट भी आ गया है। नीरज माता-पिता का इकलौता पुत्र था। वह परिवार का इकलौता कमाने वाला भी था। उसके पिता सतपाल सिंह भी दिल्ली डीडीए में काम करते थे चार वर्ष पूर्व उनका बीमारी से निधन हो गया था। पिता की मौत के बाद दो वर्ष पूर्व डीडीए में नीरज को मृतक आश्रित कोटे से क्लर्क की नौकरी मिल गई थी। नीरज की मौत के बाद उसकी पत्नी मानसी, उसकी छह साल की पुत्री अवनिया और चार साल के पुत्र सत्यम और उसकी मां सुधा का रोकर बुरा हाल हो गया। ग्रामीणों के अनुसार नीरज के पिता सतपाल सिंह मूल रूप से करनावल कस्बे के निवासी थे। बीस वर्ष पर वह गांव किठौली में आकर रहने लगे थे।

Share.

About Author

Leave A Reply