नई दिल्ली 19 अक्टूबर। दिल्ली नगर निगम ने अवैध निर्माण पर सख्त रुख अपनाते हुए 15 दिन में 301 इमारतों को गिरा दिया है। इतना ही नहीं 77 इमारतों को अवैध निर्माण के चलते सील कर दिया है। निगम ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इस सप्ताह यह अभियान अभी और जोर पकड़ेगा। बड़े-बड़े अवैध निर्माण को गिराने के लिए योजना बना रखी है।
दिल्ली पुलिस और दिल्ली विकास प्राधिकरण के सहयोग इस निर्माण को गिराया जाएगा। निगम सूत्रों के अनुसार, जो अवैध निर्माण गिराए गए हैं उन्हें राजनीतिक संरक्षण के चलते बनाया जा रहा था। जिस पर निगम ने सख्त रूख अपनाकर गिरा दिया है। निगम ने कहा कि जमीनी स्तर पर सर्वे को तेज कर रखा है। इसके तहत बिल्डरों द्वारा किए गए निर्माण को चिह्नित कर रहे हैं।
दिल्ली नगर निगम के अनुसार, जिन अनधिकृत कॉलोनियों से लेकर कृषि भूमि पर यह कार्रवाई हुई है उसमें मोहन गार्डन, राजपुर खुर्द स्थित विकास नगर, जेवीटीएस गार्डन छतरपुर, पुष्प विहार, मदनगीर, वसंत कुंज, जामिया नगर, जैतपुर, जगतपुरी, त्रिलोकपुरी, ढिचाउं एनक्लेव, निर्मल विहार, सुल्तान गार्डन (ढीचाउं कलां), मौर्या एनक्लेव, संत नगर बुराड़ी, लक्ष्मी पार्क, नांगलोई, रोहिणी सेक्टर 15 इलाके में 21 संपत्तियों में अवैध निर्माण गिराया गया है।
निगम अधिकारी ने आगे बताया कि जिन अवैध निर्माणों को गिराया गया है उसे इस प्रकार से गिराया गया है कि उस संपत्ति और निर्माण सामग्री का उपयोग फिर से न हो सके।
निगम के अनुसार, 21 संपत्ति मालिकों व उपयोगकर्ताओं पर आपधारिक देनदारी के अभियोजन भी दायर किए गए है। साथ ही अनाधिकृत निर्माण इसमें रहने वाले किसी भी रूप में इस्तेमाल न कर पाएं, बिजली वितरण कंपनियों एवं दिल्ली जल बोर्ड को उनके बिजली पानी कनेक्शन काटने के लिए भी कहा गया है।
निगम अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय लोगों ने तोड़फोड़ को रोकने के लिए विरोध और बिभिन्न बहाने किए लेकिन सभी बाधाओं को पार करते हुए निगम ने सुरक्षित तरीके से अवैध निर्माण को गिरा दिया। दिल्ली नगर निगम ने नागरिकों से अपील की है कि वह धोखेबाज बिल्डरों से दूर रहे।