मेरठ 10 नवंबर (प्र)। सपा विधायक अतुल प्रधान और गढ़ रोड स्थित न्यूटिमा अस्पताल के बीच चल रहा विवाद गरमा गया है। न्यूटिमा अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. संदीप गर्ग ने विधायक अतुल प्रधान से जान का खतरा बताया और रोते हुए कहा कि उन्हें अतुल प्रधान से डर लगता है। इस डर के माहौल में डॉक्टर काम नहीं कर सकते। वहीं, सपा विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि वह जनता और गरीब मरीजों की लड़ाई को ऊपर तक ले जाएंगे। उन्होंने डीएम ऑफिस पर आमरण अनशन का ऐलान किया है।
डॉ. संदीप गर्ग ने जताया जान का अंतरा आईएमए के साथ न्यूटिमा अस्पताल के डॉयरेक्टर डॉ. संदीप गर्ग ने विधायक अतुल प्रधान पर गंभीर आरोप लगाए और जान का खतरा बताया। आईएमए हॉल में मीडिया से बातचीत में डॉ. संदीप गर्ग कैमरे के आगे रो पड़े। उन्होंने कहा उन्हें अतुल प्रधान से डर लगता है। हार्ट अटैक आ सकता है। पिछले कई वर्षों से वह प्रताड़ना झेल रहे हैं। इस डर के माहौल में काम नहीं कर सकते। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस डर से निजात दिलाएं। उन्होंने कहा कि कई अस्पताल अतुल प्रधान से पीड़ित हैं।
डॉ संदीप गर्ग के समर्थन में उतरी आईएमए डॉ संदीप गर्ग के समर्थन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, नर्सिंग होम एसोसिएशन, हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया भी आ गई है। गुरुवार को आईएमए हॉल में प्रेस कांफ्रेंस कर आंदोलन की चेतावनी दी गई। आईएमए अध्यक्ष डा. संदीप जैन ने कहा कि जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेंगे। डॉ. अमित उपाध्याय, डॉ. जेवी चिकारा, डॉ. संदीप जैन, डॉ. सुमित उपाध्याय, डॉ. शिशिर जैन, डॉ. प्रियांक गर्ग, डॉ. प्रियंका गर्ग, डॉ. रेनू उपाध्याय, डॉ. तरुण, डॉ. मनीषा त्यागी, डॉ. शालीन शर्मा भी उपस्थित रहे।
सपा विधायक अतुल प्रधान द्वारा डॉक्टर्स के साथ किए गए दुर्व्यवहार और मरीज को जबरदस्ती बिल का भुगतान किए बिना ले जाने की घटना की हम निंदा करते हैं। प्रशासन द्वारा अभी तक किए गए सहयोग की सराहना के साथ अपेक्षा करते हैं कि एफआईआर के आधार पर सख्त कानूनी कार्यवाही हो। मरीजों को भी समझना होगा कि इस प्रकार की घटनाओं से अंततः मरीज का ही नुकसान होता है। इमरजेंसी में डॉक्टर कोई मरीज नहीं देखेंगे। डॉक्टर का मात्र एक मरीज छूटेगा लेकिन मरीज के लिए तो सभी डॉक्टर छूट जाएंगे। डॉक्टर को अपने स्वार्थ के लिए भगवान ना समझकर केवल एक इंसान समझिए।
नर्सिंग एसोसिएशन घटना का विरोध करता है
न्यूटिमा अस्पताल में जो प्रकरण हुआ इसकी जांच चल रही है। गुड़ागर्दी कर मरीज को बिना भुगतान करें चले जाना बहुत गलत है। स्टाफ, चिकित्सकों के साथ अभद्रता करना बहुत शर्मनाक घटना है। नर्सिंग होम में आए दिन मारपीट, तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। निजी अस्पताल में इलाज में द्य खर्च आता है। इसका भुगतान किया जाए। मामले की जांच में सब कुछ साफ हो भी गया और भी हो जाएगा।