एमपीएस स्कूल के कुछ छात्रों की यूनिफार्म में बदलाव, अभिभावकों की आर्थिक परेशानी का बना कारण
मेरठ, 01 अप्रैल (विशेष संवाददाता)। आज से सभी स्कूल लंबी छुटिटयों के बाद खुल गए। बच्चों के चेहरे पर दोस्तों से मिलने की खुशी नजर आई वहीं कुछ अभिभावक थके और परेशान भी नजर आए। ऐसे ही एक अभिभावक का कहना था कि सरकार तो सस्ती और सुलभ बनाने की कोशिश कर रही है लेकिन स्कूल संचालक आर्थिक बोझ डालने में कोई कमी नहीं कर रहे हैं। इसका उदाहरण देते हुए अभिभावक का कहना था कि एमपीएस स्कूल में कक्षा पांच तक की यूनिफार्म में कुछ बदलाव किया गया है। अभिभावक का मानना था कि यह बदलाव उनके लिए तो साल भर में काफी खर्च बढ़ाने वाला सिद्ध होगा भले ही स्कूल संचालक के लिए कुछ बदलाव हो। दूसरी तरफ एक प्रातःकालीन समाचार में एमपीएस स्कूल के निदेशक विक्रम सिंह शास्त्री के हवाले से छपा कि कुछ खास बदलाव नहीं हुआ है। केवल रंग में बदलाव किया है। इस बारे में कुछ अभिभावकों का कहना था कि अवैध रूप से बने स्कूलों में चल रही क्लासों व पढ़ने वाले छात्रों से मोटी फीस मिल रही है इसलिए उन्हें रंग में कुछ बदलाव का मतलब आसानी से समझ नहीं आएगा। अगर वो अभिभावक की स्थिति में होते तो पता चलता कि बच्चो के लिए नई ड्रेस खरीदनी पड़ेगी। इस बारे में सामाजिक कार्यकर्ता का कथन था कि छोटे से बदलावों से जो नई ड्रेस बेचने का ठेका कुछ लोगों को दिया जाता है उससे कमीशन भी अच्छा खासा प्राप्त किया जाता है। इसलिए रंग का यह बदलाव स्कूल संचालकों की आमदनी का जरिया और अभिभावकों की परेशानी का कारण है। जिसे जिला प्रशासन को दखलअंदाजी कर रोकना चाहिए और इस बारे में पूर्व में मंडलायुक्त की अध्यक्षता में बनी एक कमेटी को भी अभिभावकों के हित में सोचने की आवश्यकता है। क्योंकि स्कूल वाले तो कलम चला देते हैं भुगतना छात्रों और परिजनों को पड़ता है।