मेरठ 25 अक्टूबर (प्र)। अनीति, अत्याचार, अधर्म, असत्य और आतंक पर सत्य स्वरूप श्रीराम की जीत का पर्व विजयदशमी अनंत उत्साह के साथ मनाया गया। मेरठ शहर में 12 स्थानों पर मेला लगाकर रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले जलाए गए। मेलों में खूब आतिशबाजी हुई। लोगों ने चाट-पकौड़ों का आनंद लिया। पुतले जलते ही हर ओर श्रीराम के जयकारे गूंज उठे। सुबह घरों में मां सरस्वती, लक्ष्मी और श्रीराम की पूजा की गई।
गत दिवस पंचक होने के कारण पांच पुतलों के बाद रावण के पुतलों को जलाया गया। मेरठ में विजयादशमी पर शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में रावण के पुतले का दहन हुआ। श्रीराम ने अग्नि बाणों की वर्षा कर रावण रूपी बुराई को समाप्त कर दिया। शहर की ऐतिहासिक रामलीला दिल्ली रोड, रामलीला मैदान, सदर भैंसाली मैदान, सूरजकुंड पार्क, तोपखाना, कसेरूखेड़ा समेत शहर के अन्य स्थान पर रावण के पुतले के दहन के साथ मेले का भी आयोजन किया गया। जहां बड़ी संख्या में शहरवासी श्री राम द्वारा रावण दहन की लीला देखने पहुंचे। रावण के दहन के बाद शहर के सभी मैदान जय श्री राम के उद्घोष से गूंज उठे और कहा कि अच्छाई पर बुराई की जीत हुई है।
दिल्ली रोड रामलीला ग्राउंड, भैसाली मैदान अयोध्यापुरी, रजबन, जेलचुंगी, कसेरूखेड़ा, मार्शल पिच, सूरजकुंड, प्रह्लाद नगर में श्रीराम और रावण के बीच भीषण युद्ध दिखाया गया। युद्ध लीला का मंचन किया गया। तोपखाना, कंकरखेड़ा, साकेत, शास्त्रीनगर, शुक्लों का चौक आदि स्थानों पर रावण के पुतले जलाए गए। रामलीला कमेटियों ने 12 बुराइयों में भ्रष्टाचार, अपराध, गंदगी, प्रदूषण, महिला उत्पीड़न, लोभ, लालच, चोरी, ईषा, घमंड आदि का प्रतीक रावण को मानकर पुतला दहन किया गया।
पूर्व के वर्षों के मुकाबले इस वर्ष रामलीला मैदानों में अधिक भीड़ रही। ऐसे में पुलिस को रूट डायवर्जन भी करना पड़ा। शाम ढलते ही मेले शुरू हो गए। लोगों ने फास्ट फूड का आनंद लिया। छावनी रामलीला में दिल्ली के कलाकारों ने प्रस्तुति दी। राम और रावण के बीच भीषण युद्ध हुआ। आतिशबाजी सभी के लिए आकर्षण का केंद्र रही। पुतला दहन से पूर्व प्रशासनिक अधिकारी, समाजसेवी, जनप्रतिनिधि, पुलिस अधिकारी भी दशहरा मेले में शामिल हुए।