Monday, February 10

सदर व्यापार मंडल का चुनाव, तेज हुए आरोप प्रत्यारोप, सूची को लेकर डिप्टी रजिस्टार व चुनाव अधिकारी पर भी सवाल उठा रहे है व्यापारी

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मेरठ 13 जुलाई (शहर संवाददाता)। शहर के प्रतिष्ठित व्यापारी संगठनों में शूमार रहे सदर व्यापार मंडल के संभावित चुनावों के लिए नामांकन पत्र खरीदने की तारीख समाप्त होने तक कुछ ही सदस्यों ने चुनाव लड़ने के लिए पत्र खरीदे। इसे लेकर चुनावों की प्रक्रिया का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि सदस्यों को लेकर कुछ को छोड़कर इन चुनावों और इसमें अपनाई जा रही प्रक्रिया में कोई दिलचस्पी व संतुष्टि नहीं है।

सदस्यों को इस बात को लेकर भी एतराज है कि सदर बाजार व्यापार मंडल संयुक्त व्यापार संघ नहीं है जो उसमें रजबन चेपर स्ट्रीट या कहीं और के व्यापारी सदस्य बन सके। जितना इस चुनाव को लेकर पढ़ने को मिल रहा है इससे तो यही समझ आता है कि डिप्टी रजिस्टार चिट फंड सोसायटी और बनाये गये चुनाव अधिकारी नियमानुसार निर्वाचन का काम संपन्न कराने में दिलचस्पी नहीं ले रहे है। क्योंकि सदर व्यापार मंडल में शामिल कुछ व्यापारियों का स्पष्ट कहना है कि 2020 की जिस सूची पर चुनाव कराये जा रहे है उसमें से तो कई अब हमारे बीच नहीं है कुछ दुकान छोड़कर चले गये है उनकी जगह दूसरे आये लेकिन मालिक नहीं बैठते और कर्मचारी सदस्य बन नहीं सकते इसलिए जो 125 के लगभग आपत्तियां लगाई गई मतदान से पूर्व उनका समाधान डिप्टी रजिस्टार चिट फंड सोसायटी व चुनाव अधिकारी द्वारा किया जाना चाहिए था।

इस संदर्भ में बाजार के पूर्व महामंत्री अमित बंसल का कहना है कि आपत्तियां जो लगाई गई है उनका निस्तारण पहले हो। क्योंकि सदर व्यापार मंडल चार हिस्सों में विभाजित हो चुका है एक सदर व्यापार मंडल दो बांबे बाजार व्यापार मंडल तीन केन्द्रीय व्यापार मंडल चार त्रिवेणी व्यापार मंडल अस्थित्व में आ चुके है और उसके सदस्य सदर व्यापार मंडल के चुनाव के लिए जो सूची जमा कराई गई उसमें सभी मेंबर नहीं है। पहले आपत्तियों का निस्तारण हो उसके बाद 23 जुलाई को कराये जाए चुनाव। कुछ सदस्यों का यह भी कहना था कि सदर व्यापार मंडल में 399 सदस्य है तो जब अब तक लगभग डेढ़ लाख से ऊपर चंदा हर साल इक्ट्ठा होता है। वो कहां जमा कराया गया और कैसे कैसे खर्च हुआ। इन बिन्दुओं की जांच होना भी अनिवार्य है जिससे बाजार के व्यापारियों के हित की लड़ाई बिना किसी मनमुटाव के मिलकर लड़ी जा सके। क्योंकि अगर कुछ व्यापारियों को चुनाव से वंचित करने की कोशिश हुई तो फिर वो सर्वमान्य चुनाव नहीं हो सकता है। इसको लेकर अमित बंसल द्वारा सवाल भी उठाये गये है। बताते चले कि पूर्व में बांबे बाजार व्यापार मंडल के पदाधिकारी व सदस्य भी इस सूची को लेकर एतराज जता चुके है।

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