Friday, August 1

209 बैनामों में मिले डेढ करोड़ के फर्जी स्टांप, दर्ज होगा मुकदमा

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मेरठ 26 मई (प्र)। स्टांप घोटाले की राशि जांच के साथ बढ़ती जा रही है। 997 बैनामों में साढ़े सात करोड़ रुपये के फर्जी स्टांप वर्ष 2020 से 2023 तक मिले थे। जिसकी जांच और मुकदमा चल रहा है। वहीं विधानसभा की प्राक्कलन समिति के निर्देश पर की जा रही वर्ष 2015 से 2020 के बीच हुए बैनामों की जांच में अभी तक 209 बैनामों में लगभग 900 भौतिक स्टांप के माध्यम से डेढ़ करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। इन सभी मामलों में स्टांप चोरी का मुकदमा दर्ज कराने के लिए डीएम ने शासन से अनुमति मांगी है। दरअसल जिला स्तरीय अधिकारी स्टांप चोरी का मुकदमा केवल चार साल तक पुराने बैनामे पर ही दर्ज कर सकते हैं। शासन की अनुमति से आठ साल तक पुराने बैनामों पर मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। विधानसभा की प्राक्कलन समिति ने इस मामले में कई बार बैठक कर जांच की समीक्षा की है। प्राक्कलन समिति के सभापति कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने वर्ष 2015 से वर्ष 2020 के बीच हुए बैनामों में लगे भौतिक स्टांप पेपर का ट्रेजरी से सत्यापन कराने का आदेश दिया था।

हालांकि यह आदेश प्रदेश के सभी जनपदों के लिए था । अन्य जनपदों ने दावा किया है कि वहां सत्यापन में कोई भी स्टांप पेपर संदिग्ध नहीं मिला, लेकिन मेरठ में जैसे ही इस अवधि की जांच शुरू हुई… फर्जी और संदिग्ध स्टांप पेपर मिलने शुरू हो गए। जनपद के सभी छह सब रजिस्ट्रार द्वारा इस अवधि के बैनामों में प्रयोग किए गए स्टांप पेपरों को सत्यापन के लिए कोषागार में भेजा गया। अभी तक लगभग दो लाख भौतिक स्टांप पेपर कोषागार में भेजा जा चुका है। जिसमें से डेढ़ लाख स्टांप पेपर का सत्यापन किया जा चुका है। इस सत्यापन में 209 बैनामों में प्रयोग किए गए 900 से ज्यादा स्टांप पेपर संदिग्ध मिले हैं। इनकी कीमत डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। सत्यापन का कार्य अभी जारी है। डीएम डा. वीके सिंह का कहना है कि इस मामले में शासन से स्टांप चोरी का मुकदमा कराने के लिए अनुमति मांगी गई है। अनुमति मिलते ही मुकदमा दर्ज होगा।

एस, एआइजी निबंधन शर्मा नवीन कुमार का कहना है कि वर्ष 2015 से 2020 के बीच की अवधि में हुए बैनामों की जांच प्राक्कलन समिति के आदेश पर की जा रही है। अभी तक की जांच में 209 बैनामों में संदिग्ध स्टांप मिले हैं। सभी पर स्टांप चोरी का मुकदमा दर्ज होगा। इसकी अनुमति मांगी जा रही है।

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