लखनऊ 12 जनवरी। फर्जी दस्तावेज लगाकर शिक्षक की नौकरी करने वालो पर योगी सरकार की पैनी नजर बनी हुई है। मामला सामने आने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने फर्जी डॉक्यूमेंट्स लगाकर अलग-अलग जिलों में नौकरी कर रहे ऐसे शिक्षकों की पहचान कर ली है। इन शिक्षकों को न सिर्फ बर्खास्त किया जाएगा बल्कि उनसे वेतन भी वसूला जाएगा। यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार, परिषदीय स्कूलों में फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल कर नौकरी वाले 382 शिक्षकों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें यूपी एटीएस ने भी संतुष्टि दी है। इनमें 52 शिक्षक देवरिया के, 43 मथुरा के और 29 सिद्धार्थ नगर के फर्जी शिक्षक शामिल हैं।
बता दें कि मामला संज्ञान में आने के बाद से पिछले 5 साल से ATS फर्जी मार्कशीट, फर्जी प्रमाण पत्र या डॉक्यूमेंट्स में हेरफेर करके नौकर कर रहे शिक्षकों की जांच कर रही है। एटीएस को साल 2006 से 2016 तक भर्ती हुए शिक्षकों में बड़ी संख्या में फर्जी डॉक्यूमेंट्स लगाकर नौकरी पाने का शक है। अब 48 जिलों के 382 शिक्षकों को बर्खास्त करने की शिफारिश की गई है। जिलेवार बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेज कर उनकी जानकारी दी जा रही है। सबसे ज्यादा देवरिया में ऐसे 85 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है जबकि 52 और शिक्षक के मामले सामने आए हैं जो सिर्फ देवरिया से है। इसके अलावा मथुरा में 43 और सिद्धार्थ नगर में 29 फर्जी शिक्षकों की पहचना की गई है।
अभी भी इस मामले में ATS की जांच जारी है और इसके तह तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है कि आखिर शिक्षक भार्ती के दौरान इतनी बड़ी गड़बड़ी कैसे हो सकती है। ATS को उनकी भी तलाश है जो फर्जी डॉक्यूमेंट्स पर नौकरी पाने में कैसे मदद की है। ATS ऐसे गिरोह की तलाश में जुटी हुई है। फिलहाल चिन्हित ऐसे शिक्षकों को बर्खास्त करने और उनसे वेतन भी वसूलने की तैयारी है. बता दें कि अगर कोई कर्मचारी बर्खास्त किया जाता है तो उसकी सैलरी और अलाउंस रोक दिए जाते हैं। साथ ही वह शख्स दूसरी नौकरी के लिए अप्लाई नहीं कर सकता और न ही कोई चुनाव लड़ सकता है।