मेरठ, 17 जुलाई (प्र) आनन्द अस्पताल मे किडनी, कोर्निया के बाद अब लिवर प्रत्यारोण द्य मेरठ लीवर टांसप्लांट शुरु करने के लिए लंबे इंतजार को खत्म करते हुए, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ के आनन्द अस्पताल ने पहली बार लिवर प्रत्यारोपण सफलता पूर्वक करके मरीज की जान बचाई है। इसी सन्दर्भ मे एक प्रेस वार्ता का आयोजन आज श्रीराम सभागार मे किया गया जिसमे मेरठ के मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अखिलेश मोहन की अध्यक्षता मे किया गया जिसका संचालन मधुलिका बंसल द्वारा किया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि मेरठ मे प्रथम लिवर टॉसप्लांट की सफलता मेरठ के लिए किडनी, कोर्निया के बाद एक नयी उपलब्धि है। इससे पश्चिम उत्तर प्रदेश की जनता को फायदा पहुचेगा । मेरठ के मरीज को उसके बेटे से लीवर मिला। अस्पताल की निदेशक गौतम आंनद ने कहा कि अस्पताल के विशेष मॉडयूलर ऑपरेशन थियेटर में यह प्रत्यारोपण किया गया। इसशल्य चिकित्सा के लिऐ अत्यआधुनिक मशीनो द्वारा की गयी। अस्पताल के चार डॉक्टरो की टीम ने इस जटिल प्रक्रिया को 12 घन्टे मे पूरा किया ।
आनन्द अस्पताल के गैस्टो एवं लिवर ट्रांसप्लान्ट सर्जन डा. ध्रुव जैन ने बताया कि यह आपरेशन सुबह 7ः30 बजे से शुरु हुआ तथा शाम 6ः30 बजे समाप्त हुआ मरीज की हालत सही है और दोनो (दाता व प्राप्तकर्ता) को अस्पताल मे निगरानी के बाद छुटटी दे दी गयी है। उन्होने बताया महिला मरीज को लीवर सिरोसिस नामक बीमारी थी यह एक ऐसी स्थिति होती है जिससे मरीज का लीवर पानी बनाने लगता है। और वह लिवर दिन प्रतिदिन क्षतिग्रस्त एवं खराब होने लगता है इस मरीज का करीब 75 फीसदी लिवर क्षतिग्रस्त हो गया था ऐसे मामलो मे लिवर प्रत्यारोपण ही एक मात्र विकल्प है। क्षति ग्रस्त लिवर को निकालकर उसके स्थान पर डोनर द्वारा दिया गया लीवर का स्वस्थ भाग को लगाया जाता है इससे रोगी को इम्यूनो सप्रेसेन्ट दवाओ पर नही रखना पडता है।
28 वर्षीय पुत्र द्वारा अपनी मां को अपनी लिवर का हिस्सा दिया जो एक पुत्र का अपनी माँ के प्रति प्रेम व सम्मान को दर्शाता है। डा. ध्रुव जैन, डा. आशीष जोर्ज, डा. अजिताभ श्रीवास्तव, डा0 संजय कुमार, वरिष्ठ गैस्टो सर्जन की टीम द्वारा डोनर व मरीज के लीवर का प्रत्यारोपण कर मेरठ की धरती पर एक और मिल का पत्थर स्थापित कर दिया है। अस्पताल की निदेशक मानसी आंनद ने बताया कि उनके डॉक्टरो की टीम ने दिल्ली के डॉक्टरो की मदद से यह प्रक्रिया पूरी की है। उन्होने बताया कि हमारी योजना शुरुवात मे हर महीने दो लिवर टॉसप्लांट करने की है टॉसप्लांट के लिए तीन लोगो का पंजीकरण पहले ही पूरा हो चुका है उनकी स्वास्थ्य स्थितियो को ध्यान मे रखते हुए आपरेशन की तारीखे तय की जायेगी । इस यूनिट को शुरु होने से लिवर टॉसप्लांट जैसी सुविधाए आम गरीब लोगो को मिल सकेगी।
इस प्रत्यारोपण मे अस्पताल की निदेशक मानसी आनन्द, गौतम आनन्द, डा, समीर आनन्द डा. शरद त्यागी, मुनेश पण्डित, नीटू नागर, नर्सिग अधीक्षक अजित मौतला मारिया मसीह, सरीति त्यागी, डा. मंयक शर्मा, डा. अमन पण्डित ने विशेष सहयोग दिया है।