Sunday, December 22

फर्जी आईडी से सिम एक्टिवेट करने वाले गिरोह का सदस्य गिरफ्तार, दुबई-चीन में करता था सप्लाई

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मेरठ 20 अप्रैल (प्र)। देश के दुश्मनों की एक बड़ी साजिश को एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने नाकाम कर दिया है। विदेश भेजने के लिए इंडियन आईडी पर खरीदे गए सिम का जखीरा बरामद किया है। इसके पीछे देश के दुश्मनों की साजिश से भी इंकार नहीं किया जा सकता। दुबई समेत कई देशों को अब तक इंडियन आईडी पर ये सिम सप्लाई किए जा चुके हैं। एसटीएफ यानि स्पेशल टास्क फोर्स की मेरठ यूनिट ने एएसपी ब्रिजेश सिंह के निर्देश में सदर बाजार थाने के भैंसाली बस स्टैंड से फर्जी आइडी पर सिम लेकर विदेश में आपूर्ति करने वाले गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार कर लिया।

पकड़ा गया आरोपी रितिक राज पुत्र रामबाबू रजक निवासी हजरतपुर थाना मिनापुर जनपद मुजफ्फरपुर, बिहार, हाल पता बसंत बिहार कालोनी, कुनाई चौक, पटना बिहार का रहने वाला है, जो भारत से दुबई, कंबोडिया और चीन समेत कई देशों में सिम की आपूर्ति दे चुका है। उसके कब्जे से 179 सिम बरामद हुए हैं, जो फर्जी आइडी पर खरीदे गए हैं। इन सिम कार्ड से फर्जी यूपीआइ और एकाउंट तैयार कर गेमिंग एप डाउनलोड कर व्यक्तियों से धोखाधड़ी करते हैं।

पूछताछ में आरोपी रितिक राज ने बताया कि उसका टेलीग्राम पर फेक सिम कार्ड बैंक एकाउंट @prem_singh_seller के नाम से चैनल हैं। इस चैनल के माध्यम से ही फर्जी सिम की खरीद फरोख्त करने वाले व्यक्ति उससे संपर्क में रहते है।
पूछताछ में आरोपी रितिक राज ने बताया कि उसकी मुलाकात रोनित कुशवाहा निवासी महोबा से हुई थी। रोनित से अभी तक वह लगभग दो हजार सिम ले चुका है। अब तक लगभग चार हजार सिम विदेश में आपूर्ति कर चुका है। दिल्ली के न्यू अशोक नगर में रहने वाले वासिफ और शकील ने रितिक राज से 2800 रुपये के रेट से सिम लेने के लिए दिल्ली बुलाया था। दिल्ली से शकील और वासिफ की फास्ट टैग ट्रैवलर्स नाम से एजेंसी है। यह सिम कार्ड और बैंकों के एटीएम कार्ड अपने जानने वाले साहिल को दुबई में पहुंचाते हैं।

साहिल काफी दिनों से दुबई में रहता है। वासिफ और शकील फर्जी आइडी के सिम एवं एटीएम लेकर फर्जी यूपीआइ व फर्जी एकाउंट तैयार कराते हैं। उसके बाद लोगों से ठगी की जाती है। रितिक राज यहां से फर्जी आइडी पर सिम कार्ड खरीदता है। उसके बाद दुबई, कंबोडिया एवं चीन समेत कई देशों में आपूर्ति करता है। इन्हीं सिम कार्ड की मदद से आनलाईन गेमिंग एप्लीकेशन तीन पत्ती, फ्री फायर आदि से जोड़कर लोगों से ठगी की जाती है।

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