मेरठ 28 नवंबर (प्र)। प्रदेश के सबसे लंबे 594 किमी वाले गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण अंतिम चरण में है। लगभग 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। मेरठ-बदायूं सेक्शन पहले ही काफी हद तक तैयार हो चुका है, जबकि उन्नाव- हल्द्वानी सेक्शन में केवल पांच प्रतिशत कार्य शेष है।
संभावना है कि दिसंबर में ट्रायल रन किया जाएगा। जनवरी 2026 के मध्य में प्रधानमंत्री इसका उद्घाटन कर सकते हैं। एक्सप्रेसवे शुरू होने से मेरठ से प्रयागराज की दूरी छह घंटे में पूरी होगी। मेरठ के तहत 22 किमी. का का हिस्सा अक्तूबर में ही पूरा हो चुका है। यहां खड़खड़ी के पास टोल भी बनकर तैयार है। एक्सप्रेसवे को छह लेन का बनाया गया है। इसे आठ लेन का किया जा सकता है। मेरठ से बदायूँ तक के प्रथम सेक्टर में 130 किमी की लंबाई में 125.5 किमी. का काम पूरा हो गया है। इस पर आपात स्थिति में लड़ाकू विमानों के उतरने के लिए हवाई पट्टी भी बनाई गई है। एक्सप्रेसवे में चार स्थानों पर जंगी विमानों के उतरने के लिए हवाई पट्टी बनाई जा रही है। शाहजहांपुर के जलालाबाद में 3.5 किमी पट्टी तैयार कर दी गई है।
फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा पश्चिमी उप्र, हरिद्वार तक जाएगा
इस एक्सप्रेस वे को पश्चिमी यूपी के अन्य जिलों से जोड़ने के लिए 91 किमी लंबा फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेस वे भी बनाया जा रहा है। इस 90.838 किलोमीटर लंबे लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण होने से ये सभी जनपद आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे और प्रयागराज से मेरठ गंगा एक्सप्रेस वे से सीधा जुड़ जाएंगे गंगा एक्सप्रेसवे को आगरा एक्सप्रेस-वे और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा। फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेसवे इटावा, कन्नौज, मैनपुरी, फर्रुखाबाद से शाहजहांपुर और हरदोई से जुड़ेगा। कन्नौज और मैनपुरी के बीच यह लिंक एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे से जुड़ जाएगा। इस एक्सप्रेस की लागत 36,230 करोड़ रुपये हैं और इसके लिए 7,453.13 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है। इस एक्सप्रेस वे का विस्तार हरिद्वार तक भी किया जा रहा है।
