मेरठ 05 नवंबर (प्र)। टैक्स चोरी की आशंका में राज्य कर विभाग की टीमों ने मंगलवार को लोहा व्यापार के रूप में पंजीकृत अल जैद स्टील प्राइवेट लिमिटेड के छह ठिकानों पर एक साथ छापा मारा तो हड़कंप मच गया। कुछ ठिकानों से व्यापारी और कर्मचारी भाग गए। अलग-अलग ठिकानों पर पहुंची टीमों ने लोहा-सरिया, चादर की खरीद-बिक्री का रिकॉर्ड कब्जे में लेकर स्टॉक की जांच-पड़ताल शुरू की। करीब नौ घंटे तक जांच चली। अधिकारियों ने दावा किया प्रारंभिक जांच में खरीद-बिक्री में करीब 11 करोड़ का अंतर मिला है, जिस पर करीब ढाई करोड़ टैक्स बनता है।
गोपनीय सूचनाओं और फर्म के डेटा विश्लेषण के आधार पर छतरी वाला पीर चौराहा स्थित फर्म अल जैद स्टील प्रा.लि. को जांच के लिए चिन्हित किया। अपर आयुक्त ग्रेड-1 राज्य कर विभाग हरिराम चौरसिया एवं अपर आयुक्त ग्रेड-2 राज्य कर विभाग एसआईबी सुशील कुमार सिंह के निर्देशन में 12 टीमों का गठन किया। जिनमें संयुक्त आयुक्त एसआईबी मनीषा शुक्ला, संयुक्त आयुक्त कारपोरेट डॉ. मुकेश, उपायुक्त संजीव आर्य, दिनेश चौरसिया, सीमा, अरुण पांडेय, डीपी सिंह, राजेश सिंह को शामिल किया और उनके नेतृत्व में जांच टीमों को छापेमारी को रवाना किया। जांच टीमें फर्म मालिक के उन छह ठिकानों पर जांच को पहुंची, जिन्हें जीएसटी अफसरों ने पहले ही रेकी करके चिन्हित किया था। इनमें चार ठिकाने जली कोठी क्षेत्र में व दो ठिकाने जाहिदपुर इलाके में थे। करीब नौ घंटे लंबी चली जांच में देर रात अपर आयुक्त एसआईबी सुशील सिंह पहुंचे। रात करीब 9रू30 बजे प्रारंभिक जांच पूरी कर टीमें छतरी वाला पीर स्थित फर्म के मुख्य कार्यालय से बाहर निकली।
कुछ कागजात सीज किए
लोहा कारोबारी के यहां जांच पड़ताल में जुटी जीएसटी टीमों ने कुछ कागजातों को सीज किया है, जिनकी जांच की जाएगी। अपर आयुक्त एसआईबी राज्य कर विभाग सुशील कुमार सिंह का कहना है प्रथम दृष्टया कब्जे में लेकर सीज किए गए कागजात अवैध बिक्री से संबंधित प्रतीत हो रहे हैं।
अल जैद स्टील प्राइवेट लिमिटेड डायरेक्टर मोहम्मद जावेद का कहना है कि जीएसटी टीमों ने फर्म से संबंधित स्थानों पर जांच-पड़ताल की। इस दौरान अधिकारियों को जांच में पूरा सहयोग किया। जांच टीम अधिकारियों ने कुछ सवाल उठाकर कागजात मांगे, जिन्हें उपलब्ध कराया गया। जांच में अधिकारी संतुष्ठ होकर चले गए। विभाग की ओर से कोई पत्र मिलेगा तो उस पर अपना पक्ष रखेंगे। फिलहाल जांच में उनके यहां सब कुछ ठीक मिला, कोई गड़बड़ी नहीं मिली।
एसजीएसटी एसआईबी अपर आयुक्त सुशील कुमार सिंह का कहना है कि प्रथम दृश्टया जांच में टैक्स चोरी का मामला सामने आया है। रिकॉर्ड की जांच में सामने आया कि खरीद अधिक की जा रही थी, लेकिन बिक्री कम दिखाई जा रही थी। ग्यारह करोड़ का अंतर मिला है। जिस पर ढाई करोड़ टैक्स बनता है। फर्म मालिक को अपना पक्ष रखने का समय दिया जाएगा। जांच पूरी होने व फर्म मालिक के पक्ष के आधार पर कार्रवाई होगी।
