मेरठ 05 जून (प्र)। मेरठ हापुड़ लोकसभा क्षेत्र से लगभग 10 हजार की बढ़त से भाजपा प्रत्याशी फिल्म अभिनेता रामायण के राम चुनाव जीत गये। जीत चाहे एक वोट की हो या दस लाख की। जीत जीत होती है इस बात को कोई नकार नहीं सकता। इस चुनाव क्षेत्र में 4776 वोट नोटा में डाले गये जो अपने आप में महत्वपूर्ण कहे जा सकते है। और यह भी कह सकते है कि ये वोट अगर इंडिया गठबंधन की उम्मीदवार पूर्व मेयर सुनीता वर्मा को पड़ जाते और थोड़ी सी मेहनत और हो गई होती अथवा समय से टिकट मिल गया होता तो मेरठ हापुड़ लोकसभा क्षेत्र का चुनाव परिणाम वर्तमान व्यवस्था को देखकर यह कहा जा सकता है कि कुछ और ही होता। हस्तिनापुर से पूर्व विधायक और दबंग मगर मिलनसार राजनेता योगेश वर्मा ने अपनी धर्मपत्नी सुनीता वर्मा को पहले टिकट दिलाने और फिर सांसद बनाने के लिए ईमानदार प्रयास किये। और सबसे बड़ी बात गठबंधन के दल कांग्रेस और आप पार्टी आदि के नेता अंकुश चौधरी और कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अवनीश काजला आदि ने भरपूर प्रयास किये व मेहनत व सहयोग भी दिया। फिर भी इंडिया गठबंधन की उम्मीदवार 10 हजार वोटों से हार गई इसके पीछे क्या कारण रहे यह तो समीक्षा के बाद ही खुलकर सामने आयेंगा। लेकिन यह कह सकते है कि जो परिणाम आये है उसमें गठबंधन को एक नई राह दिखाई है। और 2029 के लोकसभा चुनाव में अगर सही निर्णय समय से गठबंधन नेताओं ने लिया होता तो इस लोकसभा क्षेत्र से कभी न जितने वाली सपा का सपना भी साकार होने की संभावनाऐं बन सकती है। क्योंकि कांग्रेस के तो कई बार यहां से सांसद चुने जा चुके है। लेकिन कुल मिलाकर योगेश वर्मा के लिए हार के वाबजूद यह संतोषजनक बात है कि वो गठबंधन हाईकमान के सामने सीना चौड़ाकरके यह कह सकते है कि सभी अव्यवस्थाओं के बावजूद वो इतने भारी संख्या में वोट ले पाए। मगर चुनाव जीते रामायण के राम अरूण गोविल जी की जीत 10 हजार के आसपास ही सिमटकर रह गई। इसलिए विपक्ष को भी सम्मानजनक समर्थन मिला इस बात का योगेश वर्मा को भी मान रखना चाहिए। क्योंकि यह कोई छोटी मोटी चुनावी राजनीति नहीं थी जिसका मुकाबला योगेश वर्मा ने बड़ी ही सुलझी हुई राजनीतिक विचारधारा अपनाकर किया और चुनाव लड़ा और सुनीता वर्मा इतने भारी बहुमत से वोट ले पाई।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)