मेरठ 10 जनवरी (प्र)। खाने बनाने वाले कारीगर मजदूरी दिलाने के लिए पुलिस के पास मदद मांगने गए तो मदद के बजाए जानी पुलिस ने हवालात में बंद कर जमकर पिटाई की। करीब दो दर्जन कारीगरों की 4.87 लाख रुपये की रकम सुभारती में मैस चलाने वाले दो ठेकेदारों पर बकाया है। पीड़ित मंगलवार को एसएसपी से गुहार लगाने पुलिस कार्यालय पहुंचे और तहरीर दी। उन्होंने यह भी बताया कि वह सुभारती के मालिक से भी गुहार लगा चुके हैं। उन्हें पत्र भी लिखा, लेकिन कोई उनकी मेहनत का पैसा नहीं दिया गया।
पुलिस कार्यालय पहुंचे ताज नगरी आगरा के नंदग्वा निवासी कोक सिंह पुत्र रामफल सिंह ने बताया कि वो लोग किसी की मार्फत महाराज कैटरिंग के संचालक योगेश व दिनेश से मिले। ये दोनों मिलकर जानी थाना के बाईपास स्थित सुभारती अस्पताल में मेस चलाते हैं। इन्होंने उस मैस में करीब दो दर्जन कारीगरों को काम पर लगा दिया। तीन माह वहां सभी ने काम किया। महीना होने पर जब अपना पैसा मांगा तो ठेकेदार ने टरका दिया। ऐसे तीन महीने बीत गए। जब सख्ती से तकादा किया तो ठेकेदार ने कहा कि गांव चले जाओ तुम्हारे खातों में पैसा भिजवा दिया जाएगा।
सभी कारीगर गांव लौट गए। पैसे के आने का इंतजार करने लगे। ठेकेदार से संपर्क का प्रयास किया तो काल रिसीव नहीं की गयी। इसके बाद वो लोग मेरठ आए और सुभारती के संचालक अतुल कृष्ण को एक पत्र लिखा, लेकिन उन्हें पैसा नहीं मिला। मदद के लिए 112 पर काल किया। पूरे मामले की जानकारी दी। सीएम पोर्टल पर भी शिकायत की, लेकिन कुछ नहीं हुआ। थक हारकर थाना जानी पहुंचे। वहां पर थाना प्रभारी मिले पूरे मामले की जानकारी दी।
आरोप है कि जानी पुलिस से जो लोग सुभारती की शिकायत लेकर गए थे, उन्हें थाने में ही रोक लिया। रात ज्यादा होने पर सभी को हवालात में बंद कर बुरी तरह पीटा गया और चेतावनी दी कि दोबारा आसपास भी नजर मत आना। थाने से घर चले जाने को कहा। जानी पुलिस के हाथों सताए तमाम कारीगर मंगलवार को एसएसपी से गुहार लगाने पुलिस कार्यालय पहुंचे और शिकायती पत्र दिया। इस मामले की एसएसपी ने जांच कर संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिये हैं।