मेरठ 09 फरवरी (प्र)। चौधरी चरण सिंह जिला जेल में लखनऊ की तर्ज पर हाई सिक्योरिटी बैरक तैयार होंगी। इसका प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, जिसे हरी झंडी मिल गई है। कुख्यात अपराधी इन बैरकों में रखे जाएंगे। सुरक्षा जाल इतना कड़ा होगा कि परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा। जेल सूत्रों की मानें तो चार नई बैरकों का प्रस्ताव भी मंजूर किया गया है। जिला जेल में कुख्यात अपराधियों के लिए कोई खास व्यवस्था नहीं है। इसके चलते यहां कभी किसी कुख्यात अपराधी को नहीं रखा जा सका। फौरी तौर पर यहां छह सेल की व्यवस्था है, जिनमें केवल खुराफाती बंदी ही रखे जाते रहे हैं। बड़े अपराधियों को यहां से दूसरे जनपदों की जेलों में भेजना पड़ा है।
यही वजह रही कि दूसरे जनपदों से भी कभी कोई कुख्यात अपराधी यहां जेल में नहीं भेजा गया। कुछ समय पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेलों में बदलाव के संकेत दिये, जिसके बाद प्रदेश की कई जेलों से हाई सिक्योरिटी बैरक की आवाज उठी। मेरठ जनपद भी उनमें शामिल रहा। जेल प्रशासन ने इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा, जिसे मंजूरी मिल गई।
लखनऊ की तर्ज पर बनेगी हाई सिक्योरिटी बैरक को अंडा जेल भी कहा जाता है। लखनऊ में 84 बैरक का अंडाकार सुरक्षा खाका बना हुआ है। यह ब्लॉक में बटी होती हैं। इस तरह से बनाई जाती हैं कि एक प्वाइंट से पूरे ब्लॉक पर नजर रखी जा सके। चारों ब्लॉक का प्रवेश द्वार एक ही होता है। अंदर पहुंचने के बाद अलग अलग प्रवेश द्वार खुलते हैं अंदर मौजूद बंदी / कैदी एक दूसरे को देख तो सकेंगे लेकिन छू नहीं सकेंगे।
नई बैरकों से मिलेगी राहत
जेल सूत्रों की मानें तो चार सामान्य बैरकों का प्रस्ताव भी मंजूर किया गया है। वर्तमान की जो स्थिति है, उसके अनुसार जेल की क्षमता 1705 है लेकिन वहां 2500 के करीब बंदी हैं। चार नई बैरक बनने के बाद क्षमता 1900 के करीब हो जाएगी। 200 की क्षमता बढ़ने के बाद काफी हद तक जेल में भीड़भाड़ से राहत मिलेगी।
मेरठ की बड़ी जेल है, जिसके हिसाब से यहां सिक्योरिटी बैरक नही हैं। केवल छह सेल हैं। कुछ समय पहले प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे मंजूरी मिल गयी है। प्रक्रिया को रफ्तार देते हुए जल्द काम शुरू कराने का प्रयास होगा। -शशिकांत मिश्र, जेल अधीक्षक-