मेरठ 07 अक्टूबर (प्र)। भाकियू सुप्रीमो नरेश टिकैत ने कहा है कि यदि भाजपा का रवैया नहीं सुधरा तो साल 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की 50 सीटें भी नहीं आएंगी। नरेश टिकैत रविवार को थाना परतापुर में 10 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के बीच पहुंचे। वह किसानों के मसीहा चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत की जयंती के मौके आयोजित पर थाने में आयोजित हवन व महापंचायत में भी शामिल हुए। उन्होंने केंद्र की मोदी व सूबे की योगी सरकार को निरंकुश बताया।
वहीं, दूसरी ओर रविवार को थाना परतापुर में किसानों और टैक्टर-ट्रॉलियों का मेला था। पूरा थाना किसानों के मेले में तब्दील हो गया था। सहकारी गन्ना विकास समिति मोहिउद्दीनपुर में डेलीगेट के पर्चे खारिज करने के विरोध में परतापुर थाने में चल रहा है। यही पर किसानों ने किसानों के मसीहा महेन्द्र सिंह टिकैत की 79वीं जयंती पर महापंचायत की। इस मौके पर भाकियू सुप्रीमो चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि देश की सरकारें बेईमान हो चुकी है। अब सरकार पर से विश्वास उठ चुका है। इस सरकार में किसानों का अस्तित्व खतरे में है।
रविवार दोपहर लगभग डेढ़ बजे चौधरी नरेश टिकैत धरने पर पहुंचे और उन्होंने कहा कि बडे शर्म की बात है कि जरा से मामले में किसान को धरना देना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी हैं, वह सम्मानित हैं, अगर पर्चे भरने में बिंदी की कमी रह गई थी तो उसमें बिंदी लगा देते। कहा कि किसान परेशान है। उसकी की सोने की जमीन कोड़ियों के भाव जबरन ली जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार का रवैया नहीं बदला तो यूपी में 2027 में यदि ईमानदारी से चुनाव कराए
तो भाजपा को 50 सीट भी नहीं मिलेगी। किसान को टयूबवेल का बिल एक हजार रुपये घंटा देना पड़ रहा है। हिसाब लगाओ तो महीने में लाखों का बिजली बिल भरना पड़ेगा। नरेश टिकैत ने कहा कि देश का राजा भी झूठ बोलता होगा, यह कहीं भी सुना नही था, लेकिन मोदी ने सन् 2014 में गन्ने का रेट 450 देने का वादा किया था, जो पूरा नहीं किया गया।
खत्म कराई दो किसानों की भूख हड़ताल
रविवार को धरने का दसवां दिन था। पहले दिन से किसान विजयपाल घोपला और तीसरे दिन से किसान अरुण नारंगपुर भूख हड़ताल पर थे। रविवार को नरेश टिकैत ने दोनों किसानों को जूस पिलाकर उनकी भूख हड़ताल खत्म कराई। उनका कहना था कि खाने-पीने के बाद ही लड़ाई लड़ी जाएगी।
भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत के नेतृत्व में रविवार शाम जिलाधिकारी दीपक मीणा से बात की। इसमें परतापुर थाने में धरना खत्म करने को लेकर कोई सहमति नहीं बनी। समिति ने कहा, चुनाव निरस्त हो, जबकि डीएम बोले- वह कोर्ट में जाएं। समिति ने चेतावनी दी है कि यदि तीन दिन में उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वह जिलेभर के सभी टोल को एक दिन के लिए फ्री करेंगे। जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने बताया कि धरने को दस दिन हो गए हैं, लेकिन अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं। तीन दिन के बाद एक दिन के लिए टोल फ्री कराए जाएंगे। समिति के सात सदस्यों में सुरेंद्र मेजर, सनी प्रधान, हर्ष चहल, बबलू गुर्जर, वीरेंद्र, सत्यवीर सिंह, हरिओम त्यागी शामिल थे।