मेरठ 05 अप्रैल (प्र)। चौधरी चरण विद्या की राजनीति विज्ञान के द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर आपत्तिजनक प्रश्न पूछे जाने से बखेड़ा खड़ा हो गया है। दो अप्रैल को दूसरी पाली में हुई परीक्षा में प्रश्न संख्या 87 और 97 में आरएसएस को लेकर पूछे गए प्रश्नों पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और कई विद्यार्थियों ने आपत्ति दर्ज कराई। विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच पड़ताल के बाद प्रश्न पत्र बनाने वाली मेरठ कालेज की राजनीति विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर सीमा पंवार को परीक्षाओं से आजीवन डिबार कर दिया है।
प्रश्नपत्र में पूछे गए प्रश्नों में से एक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को धार्मिक और जातीय पहचान की राजनीति के उदय से जोड़ा गया। वहीं दूसरे प्रश्न में परमाणु समूह यानी एनोमिक ग्रुप पर पूछे गए प्रश्न में आरएसएस का नाम एक नक्सली समूह, जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट और दल खालसा के साथ विकल्प के रूप में रखा गया था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय परिसर में कुलपति कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग की। प्रश्नपत्र की जांच करने पर पता चला कि यह पेपर मेरठ कालेज में राजनीति विज्ञान की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सीमा पंवार ने बनाया था। वह राष्ट्रीय कवि डा. हरिओम पंवार के छोटे भाई की पत्नी हैं। विश्वविद्यालय की आपत्ति के बाद प्रोफेसर सीमा पंवार ने लिखित में माफी मांगी है कि उन्होंने जानबूझकर किसी को आहत करने के लिए ऐसा नहीं किया है।
सीसीएसयू के कुलसचिव धीरेन्द्र कुमार वर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय ने उन्हें हमेशा के लिए सभी परीक्षाओं और मूल्यांकन कार्यों से डिबार कर दिया है।
विश्वविद्यालय स्तर पर नहीं होती प्रश्नपत्रों की जांच : विश्वविद्यालय की ओर से विभिन्न विषयों के प्रश्नपत्र विषय विशेषज्ञ शिक्षकों से बनवाया जाता है। प्रश्नपत्र के तीन से चार सेट तैयार कराए जाते हैं। लेकिन विश्वविद्यालय स्तर पर इन प्रश्नपत्रों की जांच कोई नहीं करता है। यह मान लिया जाता है कि विषय विशेषज्ञ ने पेपर बनाया है तो ठीक ही होगा। परीक्षा में किसी एक कोड का पेपर चुन लिया जाता है। उस कोड के पेपर में अंततः किस तरह के प्रश्न शामिल किए गए हैं, इसकी जांच परीक्षा में शामिल करने से पहले कोई नहीं देखता है।
यह होता है परमाणु समूह
राजनीति विज्ञान के एक प्रोफेसर के अनुसार राजनीतिक शब्दावली में परमाणु समूह का अभिप्राय असामाजिक समूह होता है। ऐसे दबाव समूह आमतौर पर किसी विशेष घटना से उत्पन्न होते हैं। इस तरह के दबाव समूह स्वाभाविक रूप से विरोध प्रदर्शन, दंगे, हत्या आदि के माध्यम से देश की राजनीतिक व्यवस्था पर दबाव बनाकर अपना असंतोष व्यक्त करते हैं।
मैं पिछले 25 वर्षों से अधिक समय से यह कार्य कर रही हूं। पेपर में सिलेबस के बाहर का कुछ नहीं पूछा गया है। एमसीक्यू यानी बहुविकल्पीय प्रश्नों में सही और गलत दोनों तरह के जवाब लिखे जाते हैं जिनमें से परीक्षार्थी सही चुनते हैं। जो पढ़ाया जाता है वहीं प्रश्नपत्र में पूछा गया है। पढ़ाते हैं इसीलिए कोट किए जाते हैं। एम. लक्ष्मीकांत की किताब के प्रेसर ग्रुप चैप्टर में रेलिजियस प्रेसर ग्रुप में आरएसएस का नाम सबसे ऊपर लिखा है।
-प्रो. सीमा पंवार, एचओडी, राजनीति विज्ञान विभाग, मेरठ कालेज-
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्य व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण का है। यह संगठन भारतीय संस्कृति और नागरिक समाज के मूल्यों को बनाए रखने के आदशों को बढ़ावा देता है। परीक्षकों द्वारा प्रश्न पत्र तैयार करते समय सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर ही कार्य करना चाहिए। विद्यार्थियों को भ्रमित न करते हुए सही प्रश्न पूछा जाना एक परीक्षक का दायित्व है।
-डा. धर्मेंद्र सिंह, महानगर अध्यक्ष, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद –