मेरठ 05 अप्रैल (प्र)। मेरठ कोतवाली के गुदड़ी बाजार में तिहरे हत्याकांड में इजलाल कुरैशी समेत 9 दोषियों को जहां कोर्ट पहले उम्रकैद की सजा सुना चुकी है। वहीं, इस मामले में एक ओर आरोपी शम्मी को भी कोर्ट ने शुक्रवार को दोषी करार दे दिया है। शनिवार को कोर्ट शम्मी को सजा सुनाएगी।
तिहरे हत्याकांड में कोर्ट ने अगस्त 2024 को 10 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। 6 कैदियों इजहार, देवेंद्र आहूजा, वसीम, अब्दुल रहमान उर्फ कलुवा, बदरुद्दीन और रिजवान को आगरा सेंट्रल जेल भेजा जा चुका है। इजलाल कुरैशी, उसके भाई अफजाल और महराज व शीबा सिरोही मेरठ जेल में हैं।
23 मई 2008 की दोपहर बागपत और मेरठ जिले की सीमा पर बालैनी नदी के किनारे तीन युवकों के शव पड़े मिले। इनकी पहचान मेरठ निवासी सुनील ढाका (27) निवासी जागृति विहार, पुनीत गिरि (22) निवासी परीक्षितगढ़ रोड और सुधीर उज्ज्वल (23) निवासी गांव सिरसली, बागपत के रूप में हुई।
पुलिस जांच में सामने आया कि 22 मई की रात तीनों की हत्या कोतवाली के गुदड़ी बाजार में हाजी इजलाल कुरैशी ने अपने भाइयों और साथियों के साथ मिलकर की। पुलिस ने इस मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया।
1 अगस्त 2024 को कोर्ट ने 10 आरोपियों इजलाल कुरैशी पुत्र इकबाल, अफजाल पुत्र इकबाल, महराज पुत्र मेहताब, कल्लू उर्फ कलुआ पुत्र हाजी अमानत, इजहार, मुन्नू ड्राइवर उर्फ देवेंद्र आहूजा पुत्र विजय, वसीम पुत्र नसरुद्दीन, रिजवान पुत्र उस्मान, बदरुद्दीन पुत्र इलाहीबख्श पर हत्या समेत तमाम धाराओं और शीबा सिरोही पर हत्या के लिए उकसाने के आरोपों को सही मानते हुए दोषी करार दिया था।
हत्याकांड के दो आरोपी इसरार और माजिद की मौत हो चुकी थी। एक आरोपी शम्मी जेल में है, उसका ट्रायल चल रहा है। परवेज को नाबालिग बताए जाने के चलते हाईकोर्ट में अपील पेंडिंग है।
तिहरे हत्याकांड के दोषियों को सजा मिलने में 16 साल से ज्यादा लग गए। इस मुकदमे में 1258 तारीख लगीं। 39 लोगों की गवाही हुई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुकदमे की सुनवाई एक साल से रोजाना हो रही थी। 22 अगस्त 2008 को कोतवाली पुलिस ने तिहरे हत्याकांड में 14 आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया।
मुकदमे की सुनवाई के दौरान दो आरोपी इसरार और माजिद की मौत हो गई। अगस्त 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मुकदमे में रोजाना सुनवाई करने के आदेश दिए। दस जुलाई 2024 तक तक लगातार हर रोज सुनवाई हुई। इससे पहले इजलाल और दूसरे आरोपियों की तरफ की हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई गई, लेकिन प्रार्थना पत्र खारिज हुआ। 14 साल तक सभी को जेल में रहना पड़ा। 2023 में इजलाल पक्ष की तरफ से हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई, 14 साल जेल में रहने के चलते जमानत मिल गई थी। सजा मिलने पर दोषियों को जेल भेज दिया गया।
शम्मी का मामला चल रहा था कोर्ट में विचाराधीन
ड्राइवर शम्मी को पुलिस ने बाकी आरोपियों की गिरफ्तार के बाद गिरफ्तार किया था। इस वजह से उसका आरोप पत्र बाद में दाखिल किया था। शम्मी के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चल रहा था। वादी पक्ष के अधिवक्ता एडवोकेट प्रमोद त्यागी सरकारी वकील सर्वेश शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को कोर्ट ने शम्मी को भी तिहरे हत्याकांड में दोषी करार दे दिया। शनिवार को कोर्ट उसे सजा सुनाएगी।