मेरठ 18 जनवरी (प्र)। हत्या के प्रयास के एक मामले में धारा हटाने पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दारोगा से खफा हो गये। मजिस्ट्रेट ने दारोगा के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश कर दिये। दरअसल, न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या एक शैलेश पांडे की अदालत में ये मामला आया था। विवेचना सही तरीके से नही करने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दारोगा उमेश चंद शर्मा के खिलाफ अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कार्रवाई करने के आदेश दिये हैं।
पीड़ित के अधिवक्ता मोहम्मद शाहिद सैफी ने बताया कि वादी मुकदमा अजीम ने गत 18 फरवरी 2022 को थाना नौचंदी मेरठ में रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह अपने पिता हाजी यासीन के साथ अपने घर वापस जा रहा था। तभी रास्ते में आरोपी फहीमुद्दीन आ गया और उसने कहा कि यह लोग मुसलमान के दुश्मन सोमेंद्र तोमर की तारीफ कर रहे हैं। यह कहते हुए आरोपी ने अपने पास से चाकू निकालकर जान से मारने की नीयत से उसके पिता पर हमला कर दिया।
जिससे उसके हाथ की नस कट गई थी और उसके पिता गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके बाद आरोपी के खिलाफ धारा 307 आईपीसी में मुकदमा दर्ज हो गया था। इसके कुछ समय बाद दारोगा उमेश चंद शर्मा ने जांच करते हुए मामले में अपनी ओर से अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी थी और मुकदमा से गंभीर धाराएं हटा दी थी। इसके बाद पीड़ित के अधिवक्ता ने न्यायालय में साक्ष्य देते हुए कहा कि दारोगा उमेश चंद शर्मा ने मुकदमे में निष्पक्ष जांच नहीं की है।
इसके बाद न्यायालय ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष को देखकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को आदेशित किया है कि उपरोक्त मुकदमे में निष्पक्ष तरीके से जांच करने के आदेश देते हुए दारोगा उमेश चंद शर्मा के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।