Saturday, July 5

गुरु पंथ व ग्रंथ के रूप में मनाएंगे खालसा पंथ सृजना दिवस

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मेरठ 04 अप्रैल (प्र)। खालसा अकाल पुरुख की फौज, प्रगटिओ खालसा परमात्मा मौज, श्री गुरु गोबिंद सिंह ने सन् 1699 बैसाखी के दिन खालसा पंथ की सृजना के समय इस पावन शब्द का उच्चारण अपने मुखारबिंद से किया था। इस पावन दिवस को गत वर्षों की भांति श्री गुरु ग्रंथ साहिब प्रचार सोसायटी द्वारा केंद्रीय सिख संस्था गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा थापरनगर के सहयोग से गुरु पंथ व गुरु ग्रंथ सप्ताह के रूप में मनाया जाएगा।

गुरुवार को केंद्रीय सिख संस्था गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा थापरनगर में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। सभा उपाध्यक्ष सरदार रणजीत सिंह जस्सल ने बताया कि छह अप्रैल को प्रातः दस बजे बच्चों की खालसायी पोषाक व दस्तार प्रतियोगिता आयोजित होगी। साथ ही शाम तीन बजे से गुरुद्वारा भाई जोगा सिंह देवपुरी से महान नगर कीर्तन निकलेगा, जो रात आठ बजे तक थापरनगर पहुंचकर संपन्न होगा । सात अप्रैल को अखंड कीर्तन समागम, आठ अप्रैल को शब्द कीर्तन कथा समागम, नौ अप्रैल को श्री सुखमनी साहिब जी के जाप व कीर्तन, दस अप्रैल को विशेष कीर्तन समागम, 11 अप्रैल को स्त्री सत्संग जत्थे के विशेष कार्यक्रम, 12 अप्रैल को अलौकिक शब्द कीर्तन फेरी व 13 अप्रैल को बैसाखी के दिन गुरु ग्रंथ व गुरु पंथ चेतना खालसा वाहन मार्च मवाना रोड से होते हुए गुरुद्वारा जन्म स्थान पंज प्यारा भाई धर्म सिंह जी सैफपुर हस्तिनापुर पहुंचेगा।

पत्रकार वार्ता में अध्यक्ष रणजीत सिंह नंदा, महासचिव हरप्रीत सिंह, सचिव जसबीर सिंह खालसा, प्रचार सचिव अमनदीप सिंह, गुरमिंद्र सिंह, सोहन सिंह व जसमीत सिंह चड्ढा मौजूद रहे। ये है खालसा पंथ सृजना दिवस : खालसा पंथ सृजना दिवस, जिसे बैसाखी भी कहा जाता है। सिख धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, जो हर साल 13 अप्रैल को मनाया जाता है। इस दिन सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी।

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