Sunday, July 13

50 हजार वर्ग फीट में बना मेडा का बंगला होगा नीलाम

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मेरठ 19 मई (प्र)। 10 साल पहले शताब्दी नगर सेक्टर दो में मेडा वीसी के लिए बनाया गया निर्माणाधीन बंगला एक बार फिर चर्चा में आ गया। नवायुक्त वीसी ने शताब्दी नगर पहुंचकर खंडहर में तब्दील हुए बंगले को नीलाम करने के निर्देश जारी किए। मेडा के नवयुक्त वीसी राजेश कुमार मीना ने कहा कि खंडहर हुए बंगले की वैल्यू निकाली जाएगी। इसके बाद उसे नीलाम किया जाएगा। नीलामी में आए रुपयों से मेडा के विकास कार्य कराए जाएंगे।

शनिवार को मेडा के उपाध्यक्ष संजय मीणा जोनल अधिकारियों के साथ शताब्दी नगर सेक्टर-2 पहुंचे। उन्होंने वहां पर कॉलोनी की सड़क, पार्क, सामुदायिक हाल आदि का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने वहां पर खंडहर में तब्दील वीसी बंगले को देखा। इसके बाद उसके बारे में जानकारी हासिल की। इसके बाद मेडा के अधिकारियों से बंगले की वैल्यू निकालने के आदेश जारी किए। उन्होंने कहा कि खंडहर में तब्दील हुए बंगले को जल्द ही ई-नीलाम किया जाएगा। पहले इसकी मार्केट वैल्यू निकलवाई जाएगी। इसके बाद उससे नीलामी प्रकिया में रखा जाएगा।

ये है बंगले का सच
अप्रैल 2013 में गंगानगर योजना में वीसी आवास (बंगला) बनाने के लिए 21 हजार 528 वर्ग फीट जमीन चिह्नित हुई। वर्ष 2014 में इसे बदलकर शताब्दीनगर आवासीय योजना के सेक्टर-2 में 50 हजार 208 वर्ग फीट जमीन पर बनाने का फैसला हुआ। इस जमीन की कीमत उस समय 5.36 करोड़ रुपये थी। इस पर सितंबर 2015 में बंगला बनाने का फैसला हुआ। इसका निर्माण मई 2015 से शुरू हुआ और अक्तूबर 2016 तक चला। वीसी आवास में 9700 वर्ग फीट के मनोरंजन क्षेत्र के अतिरिक्त 20 हजार वर्ग फीट क्षेत्रफल का एक तीन मंजिला आवासीय भवन बनाया गया। मनोरंजन क्षेत्र में एक स्विमिंग पूल और जिम के साथ हेल्थ क्लब, स्टीम, सोना, स्नूकर व टेबल टेनिस की सुविधाएं शामिल थीं। निर्माण होने के बाद इसमें वास्तु दोष बता दिया गया।

नवंबर 2019 में ई-नीलामी में नहीं मिला था खरीदार
नवंबर 2019 के दौरान ई-नीलामी में इसके लिए कोई खरीदार नहीं आया। सीएजी ने यह भी आपत्ति जताई है कि शासन के नियमों के मुताबिक 2426 वर्ग फीट क्षेत्रफल में मकान बनाया जाना चाहिए, लेकिन इसकी भी अनदेखी की गई।

तत्कालीन वीसी राजेश यादव के समय हुआ था निर्माण
शताब्दीनगर में मेडा वीसी के बंगले का निर्माण तत्कालीन उपाध्यक्ष राजेश यादव के समयहुआ था। बाद में अब तक चार बार इस बंगले की नीलामी का प्रस्ताव रखा गया, लेकिन कोई खरीदार नहीं मिला। नीलामी में प्राथमिक बोली 10 करोड़ 21 लाख रुपये रखी गई। पांचवी बार इसकी नीलामी की जाएगी।

बंगले पर किया काफी खर्च
विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष के बंगला निर्माण पर अफसरों ने खूब पैसे खर्च किए। नियमों को ताक पर रखकर स्विमिंग पूल, जिम, टेबल टेनिस कोर्ट तक बनवाए गए। मनमुताबिक निर्माण के बाद भी बंगले में वास्तु दोष बताकर इसमें रहने से मना कर दिया गया। इससे मेडा को 8.30 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

मेडा उपाध्यक्ष संजय मीणा का कहना है कि शताब्दी नगर में बने हुए वीसी बंगले की वैल्यू निकालने के आदेश जारी किए हैं। वैल्यू रिपोर्ट आने पर इसको नीलामी प्रक्रिया में रखा जाएगा।

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