शामली 07 दिसंबर। छह माह की लंबी प्रतीक्षा के बाद आखिर मेरठ-पानीपत नई रेलवे लाइन को रेलवे की गज शक्ति इकाई से मंजूरी मिल गई है। मेरठ-पानीपत नई लाइन की फाइल केंद्रीय नीति आयोग को मंजूरी के लिए भेज दी गई है। यहां से मंजूरी के बाद फाइल को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी के बाद मेरठ- पानीपत नई रेलवे लाइन निर्माण का रास्ता साफ हो जाएगा।
104 किमी लंबी मेरठ-पानीपत नई रेलवे लाइन की मांग 25 सालों से चली आ रही है। कैराना के तत्कालीन सांसद हुुकुम सिंह ने यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने वर्ष 2016 में आम बजट में नई रेलवे लाइन की मांग रखी थी। जिसमें रेलवे लाइन के लिए 2200 करोड़ का अनुमानित बजट रखा गया था। सांसद की पैरवी पर कैथल- करनाल, शामली और मेरठ रेलवे लाइन का सर्वेक्षण हुए चार साल हो चुके हैं। बाद में मेरठ-पानीपत नई रेलवे लाइन की 3500 करोड़ रुपये की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनकर केंद्रीय रेलवे मंत्रालय को भेजी जा चुकी है।
रेलवे मंत्रालय से मेरठ-पानीपत नई रेलवे लाइन की भूमि अधिग्रहण के लिए पानीपत के दीवाना से लेकर दौराला तक पिलर्स लगाए गए। सहारनपुर और बिजनौर लोकसभा प्रभारी बनने के बाद केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्वनी वैष्णव जब सहारनपुर आए तो कैराना के सांसद प्रदीप चौधरी के नेतृत्व में जन हित संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल ने मेरठ पानीपत नई लाइन का जल्द कार्य शुरू करने की मांग उठाई थी। मंत्री अश्वनी वैष्णव के आश्वासन के बाद इस नई रेलवे लाइन को केंद्रीय रेलवे बोर्ड नई दिल्ली को मंजूरी को भेजा गया था। फाइल गज शक्ति यूनिट में लंबित पड़ी थी। केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने बताया कि मेरठ-पानीपत नई रेलवे लाइन को रेलवे मंत्रालय की गज शक्ति इकाई दिल्ली से मंजूरी हो गई है। बताया कि इस नई रेलवे लाइन को भारत सरकार के नीति आयोग में स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है।