मेरठ 07 मार्च (प्र)। उत्तर प्रदेश पुलिस के सिपाही को जीआरपी असम के डिब्रूगढ़ में ट्रेन के अंदर पकड़ लिया। उसके पास से इंसास रायफल और 40 कारतूस कब्जे में ले लिए। सिपाही की सूचना जीआरपी ने मेरठ पुलिस को दी। इसके बाद उसे छोड़ा गया। सिपाही 10 दिन से असम में घूम रहा था। वहां सिपाही ने साथियों के साथ रोड़ी- डस्ट का कारोबार कर रखा है। सिपाही की ड्यूटी कंकरखेड़ा निवासी महक सिंह की सुरक्षा में थी । सिपाही गुरुवार तक ड्यूटी नहीं पहुंचा था। एसएसपी ने देर रात सिपाही को निलंबित कर दिया।
15 दिसंबर 2018 को शोभापुर निवासी आशीष गुर्जर पुत्र महक सिंह की खेत में गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। तीन बाइकों पर सवार आठ लोगों ने वारदात को अंजाम दिया। महक सिंह ने गोपी पारिया, उसके भाई प्रशांत, पिता ताराचंद, गांव के ही विजय, रोहित, अमित, रवि, मोहित, अरविंद पारिया और अमरजीत के खिलाफ हत्या, जानलेवा हमला और बलवे की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। ताराचंद पारिया को घटना वाले दिन ही गिरफ्तार कर लिया था। बेटे की हत्या के बाद महक सिंह ने परिवार पर खतरा जताया था। कोर्ट के आदेश पर महक सिंह के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई गई। 2019 से कंकरखेड़ा थाने और पुलिस लाइन से वे पुलिसकर्मी और पीएसी के जवान महक सिंह के परिवार की सुरक्षा में लगा दिए गए। 2024 में पुलिस लाइन से सिपाही दीपक मलिक की महक सिंह के घर ड्यूटी लगाई गई थी। दीपक हरियाणा का रहने वाला है। उसका जीजा भी मेरठ पुलिस आफिस में है। 15 फरवरी को दीपक ने महक सिंह को बताया कि उसकी बहन की शादी है। उसे अवकाश नहीं मिल पाया है। वह शादी तक अन्य पुलिसकर्मियों के साथ काम चला लें। उसके बाद इंसास राइफल और 40 कारतूस लेकर दीपक शादी के लिए निकल गया । शादी के बाद दीपक असम के डिब्रूगढ़ चला गया। वहां पर दीपक का साथियों के साथ रोड़ी- डस्ट का कारोबार है। करीब दस दिन बाद डिब्रूगढ़ से लौटते समय दीपक इंसास राइफल लेकर आधी वर्दी पहने ट्रेन में सवार हुआ। जीआरपी ने उसे ट्रेन से उतार लिया व मेरठ पुलिस से संपर्क किया था।
महक सिंह ने नहीं दी पुलिस लाइन में सूचना
महक सिंह ने पुलिस को बताया कि दीपक बहन की शादी में | गया था। उसके बाद उनको उसकी कोई जानकारी नहीं है। महक सिंह ने इसकी सूचना पुलिस लाइन में नहीं दी थी। इस मामले की जांच एएसपी अंतरिक्ष जैन कर रहे हैं।
जीआरपी को किया गुमराह
ट्रेन में सिपाही दीपक ने जीआरपी को बताया कि वह महक सिंह का सुरक्षा गार्ड है। वह असम किसी कार्य से आए थे। महक सिंह फ्लाइट से निकल गए हैं। उन्होंने ट्रेन में बैठा दिया। दीपक की कहानी पर शक होने पर जीआरपी उसे थाने ले गई।