मेरठ 03 नवंबर (प्र)। बागपत रोड स्थित विद्या नॉलेज पार्क के फैशन डिजाइन विभाग में शुक्रवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ हुआ जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे लब्ध-प्रतिष्ठित वक्ताओं ने ‘मेटावर्स, फैशन डिजाइन और सस्टेनेबल फैशन’ विषय पर विचार प्रस्तुत किए। इसके तकनीकी सत्रों में शोधार्थियों ने शोध पत्र पढ़े। मुख्य वक्ता के रूप में एआईसीटीई (अटल) की सलाहकार डॉ. ममता रानी अग्रवाल ने बीज भाषण दिये। उन्होंने कहा कि मेटावर्स ने फैशन की दुनिया में अपार संभावनाओं को जन्म दिया है, लेकिन जमीन पर पर्यावरण संतुलन को बनाए रखना होगा। नई सोच, सतत प्रयास और बदलते परिवेश को ध्यान में रखकर फैशन की दुनिया में भी आमूल-चूल बदलाव हो रहे हैं, इसके साथ आपको भी चलना होगा। कॉन्फ्रेंस का आयोजन हाइब्रिड मोड में किया गया।
विद्या नॉलेज पार्क के फैशन डिजाइन विभाग में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के पहले दिन उद्घाटन सत्र का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर एवं विद्यागान से हुआ। विद्या इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी की निदेशिका डॉ.रीमा वार्ष्णेय ने सभी अतिथियों का स्वागत पौध भेंट कर किया। उन्होंने कहा कि ‘मेटावर्स, फैशन डिजाइन और सस्टेनेबल फैशन’ विषय पर दो दिन में 58 शोध पत्र पढ़े जाएंगे और इससे विद्यार्थियों को बहुत कुछ नया सिखने को मिलेगा। उन्होंने इस आयोजन कि लिए संस्थान के चेयरमैन प्रदीप कुमार जैन एवं प्रबंध निदेशक विशाल जैन को धन्यवाद दिया।
विद्या नॉलेज पार्क के चेयरमैन प्रदीप कुमार जैन ने कहा कि अकादमिक क्षेत्र में विद्या नित नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। विद्यार्थियों के लिए सिखने के लिए बहुत कुछ है क्योंकि प्रतिदिन कोई न कोई ज्ञानार्जन के कार्यक्रम होते रहते हैं। प्रबंध निदेशक विशाल जैन ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में नये आयाम जोड़ते हैं जो संस्थान के साथ विद्यार्थियों और शिक्षकों के हित में है। वैश्विक प्रतिस्पर्धा में विद्या सदैव आगे रहा है।
उद्घाटन सत्र में कॉन्फ्रेंस के मुख्य अतिथि व वक्ता एआईसीटीई (अटल) की सलाहकार डॉ.ममता रानी अग्रवाल ने कहा कि समय के साथ फैशन इंडस्ट्री की दुनिया बड़ी तेजी से बदल रही है। इस बदलाव के साथ आपको स्टैन्डर्ड सेट करना होगा। टेक्नोलॉजी के युग में मेटावर्स का भविष्य उज्ज्वल है और यह फैशन उद्योग को बदल देगा। आज ईको फैशन पर बहुत जोर है। इसे सभी विद्यार्थियों को समझना होगा।
मयंक जैन सीएमओ और हेड, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, यू.एस. टेक सॉल्यूशंस ने कहा कि सस्टेनेबल फैशन जिसे ईको फैशन के रूप में जाना जाता है, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक पहल है जिसके प्रति लोगों का रूझान बढ़ रहा है। इसने फैशन के क्षेत्र में कई अवसर पैदा किए हैं।
करुण त्यागी सी.ओ.ओ टेक्सटाइल, इनटैक्सों बायोकेम प्रा. लि. ने कहा कि ‘मेटावर्स, फैशन डिजाइन और सस्टेनेबल फैशन’ आज की बड़ी चुनौती है। फैशन पर्यावरण संरक्षण में बाधक के रूप में सामने आ रहा है। इस चुनौती से निपटने के लिए प्राकृतिक उत्पादों को बढ़ाने की जरूरत है।
आर.के. सिंह, पूर्व इंजीनियर इन चीफ, दूरदर्शन ने कहा कि तकनीक को लेकर हमेशा चिंता रहती है। आज शोध और जानकारी के लिए मारामारी नहीं करना पड़ती। हमारी पहुंच बढ़ी है। एक साथ स्थानीय और वैश्विक दोनों चुनौतियां बढ़़ी हैं। यह देखना जरूरी है कि इसमें लोगों की भागीदारी कैसी है। इसमें कोई संदेह नहीं कि सरकारी प्रयत्नों के साथ निजी स्टार्टअप से भी इसको गति मिलेगी।
इसके बाद आयोजित पहले तकनीकी सत्र की अध्यक्षता करुण त्यागी ने तथा संयोजन डॉ.रीमा वार्ष्णेय ने की। इस सत्र में कुल 12 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किये गए। सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न प्रदान किया गया। अन्त में कार्यक्रम की संयोजिका डॉ.रीमा वार्ष्णेय ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने कहा कि शनिवार को तकनीकी सत्रों के आयोजन के साथ समापन समारोह होगा।
कार्यक्रम का संचालन छात्रा अनुष्का त्यागी ने किया। इस मौके पर विद्या नॉलेज पार्क के चेयरमैन प्रदीप कुमार जैन, प्रबंध निदेशक विशाल जैन के साथ वीकेपी रजिस्ट्रार विजय कुमार दुबे, विद्या स्कूल ऑॅफ बिजनेस की निदेशिका डॉ.वसुधा शर्मा, विद्या इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक डॉ.राजीव कुमार चेची के साथ विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, फैकल्टी एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. ममता भाटिया, सह संयोजिका निमिषा राणा, असिस्टेंट प्रोफेसर सूरज देव प्रसादए डॉ. श्रुति सालवान, शिल्पी यादव, श्यामली पांडे, नेहा, तनिषा आहूजा, मितिका गुप्ता, चंद्रशेखर आर्य एवं अविनाश कुमार का योगदान रहा।