मेरठ 10 अक्टूबर (प्र)। नवजात बच्चे के रोने की आवाज सुनकर जसपाल की आंख खुली। बाहर आकर देखा तो कपड़े में लिपटा बच्चा उनके घर के चबूतरे पर रो रहा था । देखकर वह हैरान रह गए। स्वजन को उठाकर पूरे मामले की जानकारी दी तो सभी दौड़कर पहुंचे। दरवाजे पर कपड़े में लिपटे बच्चे को देखकर पूरे परिवार की आंखे नम हो गई। सूचना गांव में फैली तो हर कोई देखने जसपाल के घर पहुंच गया। एक दिन के बेटे को फेंकने वाली मां को हर कोई कोसता दिखाई दिया। सूचना पर पहुंची लोहियानगर थाना पुलिस ने बच्चे को कब्जे में लिया। बाद में उसे मात्र बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को सौंप दिया गया बच्चे को सीडब्ल्यूसी ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। पुलिस कलयुगी मां की पहचान करने का प्रयास कर रही है।
काजीपुर निवासी जसपाल सिंह ने बताया कि बुधवार सुबह वह स्वजन संग सो रहे थे। सुबह अचानक ही बच्चे के रोने की आवाज ने नींद टूटी। पहले उन्होंने समझा पड़ोस में कोई बच्चा रो रहा है। लगातार आ रही आवाज सुनी तो लगा वह उनके दरवाजे के बाहर से आ रही है। बाहर आकर उन्होंने देखा तो चबूतरे पर कपड़े में लिपटा एक बच्चा रखा हुआ था। वह लगातार रो रहा था ।
स्वजन संग काफी देर तक वह बच्चे की मां व संबंधित का इंतजार करते रहे। गांव के लोग भी एकत्र हो गए। काफी देर तक इंतजार के बाद कोई नहीं आया तो उन्होंने बच्चे को उठाकर उसे दूध पिलाया ओर पुलिस को सूचना दी। उन्होंने बताया कि तड़के कोई बच्चे को उनके चबूतरे पर रखकर गया है। मिला बच्चा लड़का है और उसकी उम्र एक दिन लग रही है। उन्होंने बताया कि गांव के अलावा आसपास के गांव में भी बच्चे की सूचना दी गई लेकिन किसी ने नहीं बताया कि बच्चा उनके यहां का है।
इंस्पेक्टर विष्णु कुमार ने बताया कि बच्चे की मां की पहचान का प्रयास कर रही है।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी दीप्ति भटनागर ने बताया कि बच्चे को फिलहाल जिला अस्पताल में रखा गया है। वह सही है। सीडब्ल्यूसी बच्चे की देखरेख कर रही है। जल्द ही बच्चे की सूचना समाचार पत्रों में दी जाएगी। उसकी पहचान का प्रयास किया जाएगा।