मेरठ 22 सितंबर (प्र)। लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास हो जाने के बाद भी अभी महामहिम राष्ट्रपति जी द्वारा स्वीकृति हो जाने के उपरांत यह बिल पूरी तौर पर लागू होने और मातृशक्ति को 33 प्रतिशत आरक्षण मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। जिसे लेकर जहां नारी शक्ति में भारी उत्साह है वहीं राजनीतिक दल भी अपने आप को महिलाओं के प्रति अच्छा रूख रखने और उनके मतों को आर्कषित करने के लिए उन्हें जहां भी मौका मिले वहां प्रतिनिधित्व दिये जाने के लिए प्रयासरत नजर आते है।
इस क्रम में अगर हम 23 सितंबर को होने वाले नगर निगम कार्यकारिणी के 12 सदस्यों के चुनाव को देखे तो इसमें भाजपा से 4 महिला पार्षदों को स्थान मिलना तय है।
वैसे तो विपक्षी दलों में भी इस संदर्भ में चर्चा हो रही है और समझा जाता है कि संयुक्त रूप से वो भी अलग अलग अपनी महिला पार्षदों को कार्यकारिणी में स्थान दिलाने में पीछे नहीं रहेंगे। उम्मीद की जाती है कि विपक्ष के संभावित पांच सदस्य कार्यकारिणी में चुने जाने है उनमें से दो महिलाओं को भी स्थान मिल सकता है। क्योंकि समाजवादी पार्टी के 13 सदस्य है तो आईएमए के 11 और बसपा के 6 इंड़िया मुस्लिम लीग से 1 तथा कांग्रेस रालोद और आजाद समाज पार्टी से 3-3 सदस्य पार्षद है और एक वोट सपा के पास शहर विधायक रफीक अंसारी की मिलाकर 14 वोट होते है। भाजपा के अपने 42 पार्षद है इनके अलावा 10 वोट विधायक सांसद के मिलाकर 52 वोट भाजपा पर बताये जा रहे है। जिनमें उनके 7 सदस्यों का चुना जाना लगभग तय है। क्योंकि 4 अन्य पार्षदों का समर्थन प्राप्त आसानी से किया जा सकता है। महिला पार्षदों में कार्यकारिणी हेतु जो नाम खुलकर सामने आ रहे है उनमें वार्ड 64 की सुनीता प्रजापति वार्ड 16 से अंजता कालोनी की पार्षद डा0 अनुराधा वार्ड 35 से पूनम गुप्ता और वार्ड 60 से पार्षद रेखा सिंह तथा रेशमा सोनकर आदि के नामों की चर्चा है। सब कुछ सही रहा तो माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा इस संदर्भ में दिये जा रहे संदेश को ध्यान में रखते हुए महापौर हरिकांत अलुवालिया और अन्य वरिष्ठ भाजपा नेता सांसद राजेन्द्र अग्रवाल राज्य सभा सदस्य डा0 लक्ष्मीकांत वाजपेयी कांता कर्दम ठाकुर विजयपाल सिंह और कैन्ट विधायक अमित अग्रवाल का प्रयास होगा कि अपने पुरूष पार्षदों की सहमति से किसी महिला पार्षद को उपाध्यक्ष बनाया जाए। और अगर इन नेताओं ने सोचा तो कोई रूकावट भी शायद नहीं है क्योंकि इनके 7 सदस्या कार्यकारिणी में चुने जाने है और वो आराम से अपनी किसी महिला पार्षद को उपाध्यक्ष का चुनाव जीता सकते है।
क्योंकि 8 पार्षद एक कार्यकारिणी सदस्य चुनेंगे इस हिसाब से अगर 4 पार्षदों का जुगाड़ भाजपाईयों ने कर लिया तो 7 सदस्यों का चुना जाना तय है और 9 निर्दलीय पार्षद भी है इसलिए समझा जाता है कि 4 पार्षदों का समर्थन जुटाने में भाजपाई सफल होंगे। ये आंकड़े अनाधिकृत सूत्रों द्वारा बताये गये है।
नगर निगम कार्यकारिणी चुनाव! पीएम की भावना को ध्यान में रख भाजपा महिला पार्षद को बना सकती है कार्यकारिणी का उपाध्यक्ष
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