मेरठ 09 दिसंबर (प्र)। हस्तिनापुर विधानसभा में चल रहे एसआईआर कार्य को लगभग पूरा कर लिया गया है। मतदाता सूची की दोबारा समीक्षा और सत्यापन के दौरान बड़ी संख्या में ऐसे नाम चिन्हित किए गए, जो या तो क्षेत्र से बाहर जा चुके थे या फिर जिनकी मृत्यु हो चुकी थी। इसी प्रक्रिया के तहत हस्तिनापुर विधानसभा क्षेत्र में करीब 62,889 मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं।
तहसील सभागार में सोमवार दोपहर एसडीएम संतोष कुमार सिंह व तहसीलदार निरंकार सिंह ने संयुक्त रूप से सुपरवाइजरों व सभी बीएलओ के साथ बैठक की। तय हो पाया कि हस्तिनापुर विधान सभा क्षेत्र की सूची से 62,889 मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। तहसील मवाना क्षेत्र के कई लोग दूसरे शहरों में बस गए हैं। अनेक मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है। सत्यापन में यह पाया गया ऐसे लोगों के नाम अभी भी मतदाता सूची में दर्ज थे। नए नियमों और चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार, क्षेत्र से स्थायी रूप से बाहर गए लोगों के नाम सूची से हटाना अनिवार्य है। कई परिवारों ने मृत परिजनों की जानकारी सत्यापन टीम को दी, जिसके बाद उन नामों को मतदाता सूची से हटा दिया गया।
मैपिंग में हस्तिनापुर सबसे आगे
मेरठ जिले में 26 लाख 99 हजार से अधिक मतदाताओं का 2003 के वोटर लिस्ट से मिलान/मैपिंग में पसीने छूट रहे हैं। जिले में हस्तिनापुर एकमात्र ऐसा विधानसभा क्षेत्र है, जहां करीब 84 प्रतिशत मतदाताओं का 2003 के वोटर लिस्ट से मैपिंग का काम पूर्ण हो गया है। कैंट विधानसभा क्षेत्र काफी पीछे हैं। वहां 43 प्रतिशत मैपिंग कार्य हो सका है। सरधना और सिवालखास में करीब 78 प्रतिशत, मेरठ शहर में 70, मेरठ दक्षिण में 54 प्रतिशत मैपिंग हुआ है।
हस्तिनापुर विधान सभा क्षेत्र में 3850 मतदाता ऐसे पाए गए जिनकी वोट दो स्थानों पर बनी हुई थी। इनमें अधिकांश मतदाता वे थे, जो गांवों से आकर मवाना व अन्य कस्बों में रहने लगे हैं और उनकी वोट गांवों में भी बनी हुई है। कई मतदाता ऐसे मिले जिनकी वोट दो कस्बों में बनी हुई थी। सुपरवाइजर व बीएलओ की जांच में ऐसे मामले पकड़ में आ गए हैं। अब इनका नाम मतदाता सूची में केवल एक ही स्थान पर रहेगा।
