नई दिल्ली 05 जनवरी। जेलों में जातिगत भेदभाव और अलग-अलग जाति आधारित मैंनुअल काम आवंटित करने पर रोक लगाने संबंधी याचिका पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई चल रही हैं। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर केंद्र सरकार और 12 राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया हैं। गौरतलब हैं कि याचिका में जेलों में जातिगत भेदभाव और उन्हें अलग-अलग जातियों के आधार पर काम देने पर रोक की मांग की गई हैं।
याचिकाकर्ता का कहना है कि बैरक में आवंटित शारीरिक श्रम से लेकर जाति आधारित भेदभाव होता है और गैर-अधिसूचित जनजातियों और आदतन अपराधियों के बीच भी ऐसा भेदभाव होता है। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि मैंने जाति पर भेदभाव के बारे में नहीं सुना है। अलगाव आमतौर पर विचाराधीन कैदियों और दोषियों पर आधारित होता है।
एल्गार मामले में आरोपी डीयू प्रोफेसर हनी बाबू की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस और न्यायमूर्ति संजय की पीठ मामले पर सुनवाई कर रही हैं। गौरलतब हैं कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने 19 सितंबर 2022 को हनी बाबू की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। मामले की जांच कर रही एनआईए ने हनी बाबू पर प्रतिबंधित संगठन की विचारधारा को फैलाने का आरोप लगाया है। आरोपी को जुलाई 2020 में गिरफ्तार किया गया था, जो वर्तमान में नवी मुंबई स्थित तलोजा जेल में बंद हैं।
ऋण धोखाधड़ी मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की जमानत देने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर सुनवाई बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी तक के लिए टाल दी हैं। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने यह कहते हुए मामले को स्थगित कर दिया कि बॉम्बे हाईकोर्ट के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए आईसीआईसीआई बैंक की मंजूरी के खिलाफ पांच जनवरी को कोचर के मामले की सुनवाई करने वाला था।
गौरतलब हैं कि वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक ऋण मामले में दंपति को 23 दिसंबर, 2022 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। कोचर के अलावा, सीबीआई ने मामले में वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को भी गिरफ्तार किया था।