लखनऊ, 10 अक्टूबर। यूपी में बिजली व्यवस्था के ढांचे में तेजी से बदलाव किए जा रहे हैं। इसके तहत पूरे प्रदेश में बिजनेस प्लान पर काम करने के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है। साथ ही सिस्टम की मॉनीटरिंग के लिए क्षेत्रीय कार्यालयों की संख्या में और वृद्धि की जा रही है। इससे कार्यक्षमता बढ़ने के साथ ही शिकायतों के समाधान में भी तेजी आएगी।
योगी सरकार ने प्रदेश की बिजली व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिये यूपी पावर कॉर्पोरेशन के तहत निर्धारित क्षेत्रों (जोन्स) का पुनर्निर्धारण करने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान में कार्यरत 25 क्षेत्रों (जोन्स) को बढ़ाकर 40 क्षेत्र (जोन) बनाए जाएंगे। नवनिर्मित इन क्षेत्रों में चीफ इंजीनियरों की तैनाती की जाएगी। योगी सरकार के फैसले के बाद गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी, बरेली, लेसा (सिस गोमती), लेसा (ट्रांसगोमती), अलीगंढ़, कानपुर, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, आगरा, तथा लखनऊ को बांटकर एक-एक न्यू जोन बनाया गया है। इसके अलावा गाजियाबाद क्षेत्र को तीन खंडों में विभाजित कर दो नए जोन गठित किए गए हैं।
नगरीय क्षेत्रों की विशिष्ट समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बड़े नगरों पर अधिक ध्यान देने के लिए नए जोन स्थापित किए जा रहे हैं। इससे नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से अलग-अलग पर्यवेक्षण किया जा सकेगा।
वहीं बुलंदशहर, अयोध्या, नोएडा, आजमगढ़, मिर्जापुर, बस्ती, देवीपाटन, बांदा, झांसी और केस्को में स्थापित जोन पहले की तरह ही रहेंगे। यूपी सरकार के फैसले से बिजली विभाग के वर्तमान क्षेत्रों (जोन) को विभाजित कर नए क्षेत्रों के गठन से बिजली सिस्टम से सम्बन्धित कार्यों में तेजी से सुधार आएगा।
यूपी सरकार आरडीएसएस योजना के तहत वितरण निगमों को वित्तीय रूप से सक्षम एवं परिचालन के नजरिए से कुशल वितरण तंत्र की गुणवत्तापूर्ण बिना किसी अवरोध के बिजली सप्लाई तथा लाइन लॉस को कम करने का कार्य किया जा रहा। वहीं बिजली सिस्टम के आधुनिकीकरण पर भी 50 हजार करोड़ की कार्य योजना भारत सरकार के पास भेजी जा रही।