मेरठ 07 अगस्त (प्र)। मेडिकल कॉलेज में नियुक्त आउटसोर्सिंग कर्मचारियों द्वारा बड़ा खेल खेला जा रहा है। बड़ी संख्या में कर्मचारियों का बिना काम के ही वेतन जारी हो रहा है। वहीं, मेडिकल प्रशासन ने अब आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की निगरानी के लिए एडवाइजरी जारी की है।
मेडिकल में रोजाना मेरठ समेत आसपास के करीब आठ जिलों से मरीज इलाज के लिए पहुंचते है। इन मरीजों को अच्छी चिकित्सा सेवाएं मिल सके इसके लिए आउटसोर्सिंग नर्सिंग स्टॉफ की नियुक्ति की गई है। इस समय करीब ढाई सौ आउटसोर्सिग कर्मचारी मेडिकल में रजिस्टर्ड है, लेकिन इनमें से बड़ी संख्या में कर्मचारियों को बिना काम करे ही वेतन जारी किया जा रहा है। गौरतलब है कि मेडिकल में मरीजों की देखभाल के लिए पहले से ही नर्सिंग स्टॉफ की भारी कमी है। अकेले इमरजेंसी में ही इस समय 72 बेड है। जिन पर हर समय मरीजों का इलाज चलता है। जबकि वाडों में अलग से मरीजों को भर्ती किया जाता है। इनके लिए परमानेंट नर्सिंग स्टॉफ की कमी के चलते आउटसोर्सिंग स्टॉफ की नियुक्ति की गई है जिसके लिए जीत एचआर वजीत सिक्योरिटी कंपनी को ठेका दिया गया है। कर्मचारियों की रोजना उपस्थिति एक रजिस्टर में दर्ज की जाती है। उपस्थिति को लेकर हर माह एक नया रजिस्टर बनाया जाता है, लेकिन सूत्रों से पता चला है कि पिछले एक साल से सभी उपस्थिति रजिस्टर गायब है।
वहीं, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के अनुपस्थित रहने की शिकायत मिलने के बाद मेडिकल प्रशासन ने सभी विभागों के नर्सिंग हैडों को अपने विभाग में तैनात आउटसोर्सिंग नर्सिंग स्टॉफ की निगरानी करने की एडवाइजरी जारी की है। यह खेल पिछले लगभग एक साल से चल रहा है। जिससे मेडिकल प्रशासन को भी वित्तीय हानी पहुंचाई जा रही है, लेकिन मेडिकल प्रशासन द्वारा इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
आउटसोर्सिग कर्मचारी इंचार्ज डा. तरुण पाल का कहना है कि आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की उपस्थिति को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी गई है। सभी विभाग अब इनकी मॉनिटरिंग कर रहे है, कई कर्मचारी चिन्हित किये गए हैं, जो लंबे समय से अनुपस्थित है। प्रिंसिपल द्वारा एक कमेटी का भी गठन किया गया है। जल्द ही प्रकरण में ठोस कदम उठाए जाएंगे।