नई दिल्ली 18 अक्टूबर। एजेंसी दूरसंचार नियामक (ट्राई) कॉल ड्रॉप या नेटवर्क की दिक्कत से जूझ उपभोक्ताओं को राहत दिलाने के लिए नियमों को सख्त बनाने जा रहा है। इसके तहत खराब नेटवर्क और इंटरनेट डाटा में गड़बड़ी पाए जाने पर दूरसंचार कंपनियों पर कठोर कारवाई होगी और जुर्माना लगाया जाएगा। कंपनियों की जवाबदेही तय करने के नए राज्य और जिला स्तर पर सेवा गुणवत्ता जांच की जाएगी।
गुणवत्ता मानक सख्त होंगे : गौरतलब है कि इसी साल अगस्त में ट्राई ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लिए कड़े प्रदर्शन मानदंड प्रस्तावित किए थे। ट्राई का कहना था कि ग्राहकों की ओर से कॉल ड्रॉप की कई शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। देश में 4जी की व्यापक पहुंच और 5जी सेवाओं की शुरुआत होने के बाद भी मामले बढ़ रहे हैं। इससे निपटने के लिए सेवा गुणवत्ता का आकलन दूरसंचार सर्किल के बजाए अब जिला स्तर पर भी करना होगा। ट्राई ने इस संबंध में 20 सितंबर तक संबंधित पक्षों से सुझाव मांगे थे। हितधारकों के परामर्श के बाद नियमों को जल्द ही जारी किया जाएगा। ट्राई के मुताबिक, नई व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिसमें गुणवत्ता मापदंडों को पूरा नहीं करने पर दूरसंचार कंपनियों पर कार्रवाई होगी। वर्तमान में, गुणवत्ता आकलन टेलीकॉम सर्कल स्तर पर होता है। अगर कुछ टेलीकॉम साइट लंबे समय तक भी बंद रहती हैं, तो सही आकड़ा नहीं मिल पाता है।
कंपनियां कर रहीं विरोध
राज्य और जिला स्तर पर डाटा आकलन की योजना का दूरसंचार उद्योग विरोध कर रहा है। कंपनियों का कहना है कि नेटवर्क को टेलीकॉम सर्कल के अनुसार संचालित किया जाता है। ऐसे में सॉफ्टवेयर सिस्टम उसी के अनुसार काम करता है। कंपनियों का मानना है कि राज्यवार डाटा साझा करना मुश्किल होगा, क्योंकि अलग-अलग लाइसेंस प्राप्त सेवा क्षेत्रों के लिए अलग-अलग क्षेत्राधिकार शामिल हैं। इसके अलावा, डेटा को जुटाने और कोऑर्डिनेट करने में दिक्कतें होंगी।
समस्या से जूझ रहे उपभोक्ता
आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 70 फीसदी उपभोक्ता रोजाना कॉल ड्रॉप की समस्या से जूझते हैं। अमूमन 35 फीसदी उपभोक्ताओं को 4जी या 5जी सेवा बिना रुकावट नहीं मिलती है। इसी के चलते ट्राई गुणवत्ता आकलन के नियमों को और सख्त करने की तैयारी कर रहा है।