लखनऊ 18 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश में लिफ्ट में होने वाले हादसों पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश सरकार कड़े कानून लाने जा रही है. ऊर्जा विभाग ने ‘यूपी लिफ्ट एंड एस्केलेटर एक्ट’ का मसौदा तैयार कर लिया है. प्रस्तावित प्रावधानों के मुताबिक, लिफ्ट में यदि हादसा होता है तो जेल जाने के साथ ही जुर्माना भी भरना पड़ सकता है. सरकारी और निजी इमारतों में लिफ्ट लगाने के प्रावधान को और सख्त करने की तैयारी है.
बीते दिनों लिफ्ट में में हुए कई हादसों की वजह लोगों की मौत तक हो गई. इसके मद्देनजर यूपी सरकार ने लिफ्ट लगाने से जुड़ा कानून लाने की तैयारी पूरी कर ली है. इस कानून के दायरे में सार्वजनिक संस्थान, व्यापारिक संस्थान, बहुमंजिला इमारत और सरकारी कार्यालय आएंगे. लिफ्ट को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रशिक्षित ऑपरेटर रखना होगा. हालांकि, घरेलू लिफ्ट पर कानून का दायरा सीमित रहेगा.
किसी भी इमारत में लिफ्ट या एस्केलेटर लगाने से पहले इसकी अनुमति लेनी होगी. इसके लिए विद्युत सुरक्षा निदेशालय में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. कोई भी बिना पंजीकरण के लिफ्ट नहीं लगा सकेगा. ऐसा करने पर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी. पंजीकरण के बाद विभाग की टीम लिफ्ट की जांच करेगी. लिफ्ट के सालाना मेंटीनेंस और लिफ्ट ऑपरेटर का तैनात होना अनिवार्य होगा.
किसी भी बहुमंजिला इमारत में लगाई गई लिफ्ट यदि कानून के दायरे से बाहर है, उसमें कोई गंभीर हादसा होने पर मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके तहत 1 लाख का जुर्माना और तीन साल तक की जेल हो सकती है.