मेरठ 05 मई (प्र)। सेंट्रल मार्केट मामले में आवास एवं विकास परिषद ने जहां आवासीय भूखंड संख्या 661/6 पर भू उपयोग परिवर्तन कर बने अवैध कॉम्पलेक्स को गिराने की तैयारी शुरू कर दी है, वहीं कॉम्पलेक्स के व्यापारियों ने नोटिस चस्पा होने के बाद अभी तक परिसर खाली नहीं किया है। परिषद ने अवैध निर्माण गिराने और मलबे आदि को हटाने के लिए करीब 1.67 करोड़ रुपये का टेंडर जारी कर दिया है।
आवास एवं विकास परिषद की शास्त्रीनगर आवासीय योजना में आवासीय भूखंडों पर भू-उपयोग परिवर्तन कर अनाधिकृत निर्माण कर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। सेंट्रल मार्केट भी आवासीय भूखंडों पर ही चल रही है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जेबी पारदीवाला और न्यायाधीश आर. महादेवन की खंडपीठ ने राजेंद्र कुमार बड़जात्या और अन्य की याचिका पर गत 17 दिसंबर 2024 को हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए सेंट्रल मार्केट स्थित आवासीय भूखंड संख्या 661/6 पर बने कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स को ध्वस्त करने का आदेश दिया था। परिषद इस बारे में कॉम्पलेक्स के सभी 22 हिस्सेदारों को नोटिस मुहैया करा चुकी है। शनिवार को आवास विकास ने कॉम्पलेक्स के 22 व्यापारियों को तत्काल परिसर खाली करने का नोटिस देते हुए इसे कॉम्पलेक्स भी पर चस्पा करा दिया था लेकिन व्यापारियों ने अभी तक परिसर खाली नहीं किया है।
व्यापारी सहमे, बंद का हो आह्वान : विपुल सिंघल
व्यापारी नेता विपुल सिंघल ने कहा कि सेंट्रल मार्केट में एक व्यवसायिक कॉम्पलेक्स पर ध्वस्तीकरण की तलवार लटक गई है। कोर्ट से राहत नहीं मिली। शासन स्तर से उम्मीद लगी हुई है। उन्होंने कहा कि सेंट्रल मार्केट के व्यापारी ध्वस्तीकरण की कार्यवाही से सहमे हुए हैं। कहा कि शहर के व्यापारिक संगठनों को उनके साथ आना चाहिए। मेरठ के अनिश्चितकालीन बंद का फैसला लेना चाहिए। जब तक सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों को राहत न मिले, तब तक तमाम व्यापारी सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों के साथ रहे।
वाजपेयी से मिले सेंट्रल मार्केट के व्यापारी
सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों ने रविवार को राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी से मुलाकात कर मदद मांगी। सेंट्रल मार्केट व्यापार संघ के पूर्व अध्यक्ष किशोर वाधवा ने वाजपेयी को नोटिस की जानकारी दी। वाजपेयी ने बताया कि वे इसमें राहत के लिए सरकार से बात करेंगे। कोई रास्ता निकालने की कोशिश करेंगे।
सुपीम कोर्ट में दाखिल करेंगे अवमानना याचिका
आरटीआई एक्टिविस्ट लोकेश खुराना का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने 661/6 और इस जैसे सभी अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने का आदेश दिया हुआ है। परिषद इस मामले में अभी तक हीलाहवाली करती नजर आ रही है। अगर इस मामले में परिषद कार्रवाई नहीं करेगी तो वे सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का वाद दायर करेंगे।