Saturday, July 27

प्रधानमंत्री ने नशे के खिलाफ जनआंदोलन का किया आह्वान

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नई दिल्ली 27 दिसंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी धार्मिक नेताओं और सामाजिक संगठनों से नशीली दवाओं के खतरे के खिलाफ जन-आंदोलन शुरू करने का आग्रह किया। गत दिवस नई दिल्ली में वीर बाल दिवस को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने समाज में नशीली दवाओं के खतरे को छुआ और एक राष्ट्र और समाज के रूप में एक साथ आकर इससे निपटने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, सक्षम और मजबूत युवा शक्ति के लिए सबका प्रयास जरूरी है, याद रखें कि गुरुओं द्वारा दी गई ‘सबका प्रयास’ की शिक्षा ही भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाएगी।

प्रधानमंत्री ने युवाओं को अपने स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की सलाह दी क्योंकि यह जीवन में वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने युवाओं को अपने लिए कुछ बुनियादी नियम बनाने और उनका दृढ़ता से पालन करने का सुझाव दिया क्योंकि उन्होंने शारीरिक व्यायाम, डिजिटल डिटॉक्स, मानसिक फिटनेस, पर्याप्त नींद और श्री अन्ना या बाजरा को अपने आहार में शामिल करने की चुनौतियों का उल्लेख किया।

भारत को युवाओं का पावरहाउस बताते हुए श्री मोदी ने कहा, आजादी की लड़ाई के दौरान देश में इतने युवा नहीं थे। उन्होंने आगे कहा कि आने वाले 25 साल युवाओं के लिए नए और बड़े अवसर लेकर आ रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, आज के युवाओं के सपनों को पूरा करने के लिए सरकार के पास स्पष्ट रोडमैप, विजन और नीति है। उन्होंने टिप्पणी की कि चाहे वह अर्थशास्त्र हो, विज्ञान हो, अनुसंधान हो, खेल हो या नीतियां, हर मोर्चे पर भारत नई ऊंचाइयां हासिल करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह भारत का समय है. उन्होंने कहा, पहला वीर बाल दिवस पिछले साल 26 दिसंबर को मनाया गया था। वीर बाल दिवस देश की सुरक्षा के लिए कुछ भी करने के संकल्प का प्रतीक है। श्री मोदी ने कहा कि यह दिन हमें याद दिलाता है कि जब बहादुरी की बात आती है तो कम उम्र का कोई लेना-देना नहीं होता है। उन्होंने कहा कि वीर बाल दिवस से संबंधित कार्यक्रम संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, ग्रीस और ऑस्ट्रेलिया में भी मनाए जा रहे हैं।

श्री मोदी ने कहा, तीन सौ साल पहले लड़ी गयी चमकौर और सरहिंद की लड़ाई को भुलाया नहीं जा सकता और युवा पीढ़ी को इससे परिचित कराया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री ने पूर्वजों के बलिदान की सराहना करते हुए कहा कि जब-जब भारतीयों पर अत्याचार और अन्याय हुआ, तब-तब लोगों ने स्वाभिमान के साथ अत्याचारियों से मुकाबला किया। उन्होंने कहा कि देश के हर आयु वर्ग के पूर्वजों ने मातृभूमि के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। श्री मोदी ने विस्तार से बताया कि पहले दुनिया हमें तवज्जो नहीं देती थी। उन्होंने कहा, अब जब हम अपनी विरासत पर गर्व करते हैं तो दुनिया का नजरिया भी बदल गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, आज पूरी दुनिया भारत को अवसरों की भूमि के रूप में स्वीकार कर रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत अर्थव्यवस्था, विज्ञान, अनुसंधान, खेल और कूटनीति की वैश्विक समस्याओं को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। श्री मोदी ने लाल किले से दिये गये अपने आह्वान को दोहराया – यही समय है, सही समय है। प्रधानमंत्री ने युवाओं को अपने स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की सलाह दी, क्योंकि जीवन में वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए यह महत्वपूर्ण है।

इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अब केवल नीति तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि यह मंशा बन गई है। उन्होंने सभा में शामिल अधिकांश बच्चों का आह्वान करते हुए कहा कि उनमें अपार प्रतिभा है, साहसी बनें और जीत सुनिश्चित करने के लिए देश की भलाई के लिए दृढ़ संकल्पित रहें।

वीर बल दिवस श्री गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी की शहादत का प्रतीक है। पिछले साल जनवरी में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के दिन, प्रधान मंत्री मोदी ने घोषणा की थी कि 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

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