Saturday, June 7

आवारा जानवरों और कुत्तों को संरक्षण देने वालों के खिलाफ शीलकुंज के नागरिकों का विरोध अभियान, नागरिक कर रहे हैं प्रशंसा

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दैनिक केसर खुशबू टाइम्स
मेरठ, 26 दिसंबर (विशेष संवाददाता) जानवरों की सुरक्षा और खाने रहने की व्यवस्था अनिवार्य है। जो लोग उनको पालते हैं वो सराहना योग्य है लेकिन उन्हें बांधकर ना रखने और सरकारी नियमों का पालन ना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी होनी चाहिए क्योंकि अवारा जानवरों का जो आतंक बढ़ रहा है उससे कोई भी अनभिज्ञ नहीं है। पूर्व में अदालत ने इनसे नागरिकों के बचाव की बात कही और सरकार भी नए नए नियम बना रही है। बीते दिनों भुवनेश्वर जिले के गोरीगुम्मा के फुट गांव में आवारा कुत्तों के झुंड ने एक बच्ची को मार डाला। तो मेरठ के मवाना में कुत्ते को डंडा मारने पर उसके मालिक ने बेरहमी से पिटा। ऐसी घटनाएं आए दिन पढ़ने सुनने को खूब मिलने लगी है। पिछले दिनों तो कुत्ते के काटने पर जातीय हिंसा होते होते बची। यह किसी से छिपा नहीं है कि कितने परिवारों के लाल इन जानवरों के कारण उनसे बिछड़ गए लेकिन कुत्ता पालने और उनकी रक्षा के नाम पर सक्रिय एनिमल केयर कार्यकर्ता उनकी रक्षा के साथ आम नागरिकों को इनके हमलो सें बचाने के लिए तो कुछ नहीं करते मगर जब कोई जानवर किसी को मार देता है तो उसका रिएक्शन होता है तो यह एकत्र होकर एनिमल सुरक्षा के नाम पर वहां पहुंच जाते हैं और अकेला आदमी लडने की स्थिति में नहीं होता।

अब मेरठ के रूड़की रोड स्थित रिहायशी कॉलोनी शीलकंुज में बीते दिवस नागरिकों ने इकटठा होकर इस मुददे पर जो एकजुटता दिखाई वो आम आदमी को इन जानवरों के हमले से बचाने के लिए सराहनीय प्रयास कह सकते हैं। बताते चलें कि शीलकुंज कॉलोनी के मेन गेट पर लंदन पार्क में कॉलोनी के निवासी भारी तादात में सुबह साढ़े नौ बजे से जुटे और इसमें कुत्तों के आतंक और कुत्ता पालने वालों के दुर्व्यवहार को लेकर विरोध प्रदर्शन के साथ बाहरी कुत्तों का कॉलोनी में प्रवेश रोकने के लिए सुरक्षा गार्ड को सम्मानित करने के साथ एनिमल सुरक्षा के नाम पर लोगों से दुर्व्यवहार करने वाली दो महिलाओं के घर तक प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया।
बताते हैं कि नागरिकों में भारी रोष था और सबका कहना था कि अब सुधार होना चाहिए। कुत्ते पालने वालों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठानी होगी। दोषियों के खिलाफ एफआईआर कराने और कार्रवाई कराने की चर्चा हुई।

बताते चलें कि कुछ दिन पूर्व दो कॉलोनी निवासियों को कुत्ता द्वारा काटे जाने पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष अवनीश काजला प अन्यों द्वारा नगर निगम से कुत्ता पकड़ने वालों को बुलाकर आवारा कुत्तों को पकड़ने का अभियान चलवाया गया। जिस पर एनिमल समर्थक महिला कार्यकर्ता द्वारा हंगामा किया गया और अवनीश काजला व प्रदीप सेठी की महिला आयोग में शिकायत की गई। एक तरफ कुत्तों का बढ़ता आतंक और दूसरी तरफ यह शिकायत आग में घी के समान हो गई। जितने भी पीड़ित हैं उनके साथ कॉलोनी के नागरिकों ने एकजुटता प्रदर्शित कर आवाज उठाई जिसका असर होगा यह पक्का है। जिसे भी कोई कुत्ता या पालतू जानवर काटता है तो वो पालने वालें के खिलाफ एफआईआर कराए क्योंकि अब दोषियों पर जुर्माने और जेल भेजने का प्रावधान हो चुका है। यह समस्या इतनी बड़ी हो चुकी है कि पूर्व में लोकसभा और विधानसभा में कुत्ते के आतंक से लोगों को बचाने की मांग हो चुकी है। कुछ लोगों का यह भी कहना था कि जो लोग कुत्ता पालते हैं और लाइसेंस नहीं बनवाए और पार्कों में ले जाकर गंदगी कराते हैं उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जाए लेकिन अब इस मुददे पर खामोश बैठने और हंगामा करने वालों के सामने झुकने का समय नहीं है। अपने परिजनों को सुरक्षित रखने के लिए आगे बढ़ना होगा। बताते चलें कि शीलकुंज के नागरिकों की इस पहले के लिए सराहना की जा रही है और लगता है कुछ दिनों में लोग एकजुटता से आवाज उठाएंगे। ऐसा होगा तो कई समस्याएं भी हो सकती है इसलिए अधिकारियों को टालमटोल की नीति छोड़ कार्रवाई करनी चाहिए जिससे मोदी व योगी सरकार की कानून व्यवस्था बनाए रखने की नीति बनी रहे।  मुख्य रूप से शीलकुंज निवासी कांग्रेस जिला अध्यक्ष अवनीश काजला, प्रदीप सेठी, डॉ राजेंद्र प्रसाद , प्रज्ञा चौधरी, अमर माहेश्वरी, हिमांशु मुल्तानी, सोनी त्यागी, मोनिका जैन , नरेन , सुरुचि डूडेजा, अरविंद जैन , शशिकांत जैन, शशांक संगल, आशीष संगल, तनुज पुनिया, वीरेंद्र मलिक, सुदीप आनन्द, रत्न शर्मा , अंजना सिंघल, नीरज सहगल आदि मुख्य रूप से शामिल रहे।

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