Sunday, December 22

रेलमंत्रालय को 12 साल बाद याद आई हवा में लटके ओवरब्रिज की

Pinterest LinkedIn Tumblr +

मेरठ 08 दिसंबर (प्र)। जुर्रानपुर रेलवे फाटक के पास रिंग रोड के लिए रेलवे ने ओवरब्रिज बनाया था । यह 12 साल से हवा में लटका है, लेकिन इसके लिए एप्रोच रोड बनी न ही रिंग रोड । रेलवे से समझौते के बाद भी रिंग रोड न बनाए जाने पर रेल मंत्रालय ने अब मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) से जवाब तलब किया है। इसका उत्तर तलाशने के लिए गुरुवार को मेडा के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय के साथ दिल्ली मुख्यालय से आए रेलवे के मुख्य अभियंता निर्माण व सेतु निगम मेरठ के अधिशासी अभियंता ने प्रस्तावित रिंग रोड का निरीक्षण किया। मेडा की ओर से अब पूरी रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी जाएगी।

दरअसल, हापुड़ रोड से जुर्रानपुर रेलवे लाइन व दिल्ली रोड पार करते हुए देहरादून बाईपास तक रिंग रोड बनाने के लिए वर्ष 2011 में काम शुरू हुआ था। तत्कालीन मुख्यमंत्री ने शिलान्यास किया था। उस समय समझौता हुआ कि इस रिंग रोड के लिए ओवरब्रिज रेलवे बनाएगा, जबकि उससे जोड़ने के लिए एप्रोच रोड व पूरी रिंग रोड मेडा बनाएगा मेडा को ही इसके लिए जमीन अधिग्रहण करना था। रेलवे ने उस समझौते के तहत ओवरब्रिज बना दिया था, लेकिन मेडा ने रोड बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण नहीं किया मेडा ने तर्क दिया कि उसके पास जमीन खरीदने के लिए धन नहीं है। उसके बाद से लगभग हर साल इस रिंग रोड को बनाने के लिए प्रस्ताव बनता है। डीपीआर भी बनती है, लेकिन रोड बनाने का कार्य नहीं शुरू हो सका।

सांसद ने रेल मंत्री से की थी शिकायतः हाल ही में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव शहर में आए थे। उस दौरान सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने रेलमंत्री से निवेदन किया था कि रेल मंत्रालय की ओर से मेडा से जवाब मांगा जाए कि समझौते का उल्लंघन क्यों किया गया। उसी क्रम में रेल मंत्रालय ने मेडा से जवाब तलब किया है।

Share.

About Author

Leave A Reply