मेरठ 12 मार्च (प्र)। मेरठ के गंगानगर थाना क्षेत्र में बीएचयू के सेवानिवृत्त प्रोफेसर पूर्व डीन की अपार्टमेंट की पहली मंजिल से गिरने के कारण मौत हो गई। प्रोफेसर की उम्र 75 साल थी। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। सूचना मिलने पर परिजन थाने पहुंचे।
गंगानगर के डिवाइडर रोड स्थित मनाच अपार्टमेंट की तीसरी मंजिल पर महेन्द्र दास का परिवार रहता था। 75 वर्षीय महेन्द्र दास बनारस विश्वविद्यालय में सालों डीन रहे हैं। सोमवार दोपहर महेन्द्र दास का लहूलुहान शव मनाच अपार्टमेंट के ग्राउंड फ्लोर के कैंपस में पड़ा मिला। उनका लहूलुहान शव देखकर अपार्टमेंट में हड़कंच मचा। बताया जाता है कि किसी महिला ने सबसे पहले यह महेन्द्र दास का लहूलुहान शव देखा तो उसकी चीख निकल गयी।
चीख सुनकर अपार्टमेंट का गार्ड उस ओर दौड़ा। तब तक गार्ड की नजर भी महेन्द्र दास की लाश पर पड़ चुकी थी। तब तक अपार्टमेंट के फ्लेटों से अन्य लोग भी बाहर निकल आए थे। केवल अपार्टमेंट ही नहीं बल्कि पूरे गंगानगर में हड़कंप मच गया। भारी संख्या में लोग वहां जमा हो गए। चंद मिनटों में ही पुलिस भी वहां पहुंच गयी। पुलिस ने सबसे पहले शव को पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम को भिजवा दिया।
महेन्द्र दास के अपार्टमेंट से गिरने की खबर मिलते ही उनका बेटा विजय प्रकाश बदहवास हालत में वहां पहुंचा। वह कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं लग रहा था। उसको समझ नहीं आ रहा था कि यह सब कैसे हो गया। विजय प्रकाश के अलावा उनकी पत्नी भी आईआईएमटी में प्रोफेसर हैं। बकौल पुलिस विजय प्रकाश ने बताया कि उसके पिता की दिमागी हालत कुछ ठीक नहीं थी, लेकिन ऐसा हो जाएगा उसने कभी सोचा नहीं था। महेन्द्र दास की दर्दनाक मौत को लेकर अपार्टमेंट और आसपास जितने मुंह उतनी बातें सुनने में आ रही हैं। कुछ तो यहां तक कह रहे हैं कि हो सकता है कि किसी आउटर ने महेन्द्र दास की हत्या कर दी हो, जबकि परिवार व अपार्टमेंट के लोगों का मानना है कि यह एक हादसा है इससे ज्यादा कुछ भी नहीं। माना जा रहा है कि उनका पांव फिसल गया और वह गिर पडे। लोहे के रेलिंग से सिर टकराने से उनकी मौत हो गयी। वहीं दूसरी ओर यह भी आशंका है कि मानसिक रोगी होने के चलते अवसाद में उन्होंने जान दे दी।
वहीं, दूसरी ओर पोस्टमार्टम के बाद उनका शव बनारस लेकर जाएंगे। वहीं पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।