Friday, August 1

आरकेबी फाउंडेशन व सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए का योग दिवस पर संयुक्त आयोजन, भगवान शिव थे सबसे पहले योग गुरू- राजीव एडवर्ड

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मेरठ 21 जून (प्र)। देश के समस्त नागरिकों को निरोगी और स्वस्थ रखने हेतु अपने देश की परंपराओं से जुड़े योग के गौरवशाली इतिहास का लाभ हर नागरिकों को पहुंचाने के लिए प्रयासरत यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा शुरू कराये गये योग दिवस के उपलक्ष में आज देशभर में अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इसी कड़ी में आरकेबी फाउंडेशन और सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए द्वारा संयुक्त रूप से लाला रामानुज दयाल वैश्य बाल सदन में प्रातः 10 बजे से योग शिविर एवं जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर टैंक सेना के सेवानिवृत्त मेजर जर्नल राजीव एडवर्ड ने अपने सारगर्भित संबोधन में कहा कि विश्व के सबसे पहले योग गुरू भगवान शिव थे। और अब बाबा रामदेव आदि इसे आगे बढ़ा रहे है। योग हर तरह से नागरिकों के लिए लाभदायक है। इसे सभी को अपनाकर नियमित रूप से करना चाहिए। मुख्य अतिथि ने अपने सेना के कार्यकाल और योग की महत्ता से भी उपस्थितों को अवगत कराया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व उपनिदेशक सूचना सुरेन्द्र शर्मा एवं विशिष्ठ अतिथि आईएमए यूपी के पूर्व अध्यक्ष डा0 एमके बंसल ने अपने संबोधन में योग के इतिहास और इससे होने वाले लाभ तथा योग और चिकित्सा के समन्वय पर प्रकाश डाला। इनके अतिरिक्त लाला रामानुज दयाल वैश्य बाल सदन के मंत्री हर्ष वर्धन बिट्टन रेडक्रास सोसायटी के पूर्व चेयरमैन अजय मित्तल सिविल डिफेंस आदि से जुड़े डा0 गलेन्द्र शर्मा एवं उद्योगपति नवीन गोयल आदि ने भी अपने विचार रखे।
इस मौके पर पूर्व सूचना अधिकारी नईम अहमद वरिष्ठ पत्रकार दीप जैन नरेन्द्र जैन रवि अग्रवाल पवन बंसल नरेश दत्ता आदि ने मुख्य अतिथियों को तुलसी के पौधे भेंट कर उनका स्वागत किया। एसएमए और आरकेबी फाउंडेशन के संस्थापक राष्ट्रीय महामंत्री अंकित बिश्नोई के संचालन में संपन्न हुए योग शिविर व गोष्ठी में साहित्यकार लेखक एडवोकेट पत्रकार डा0 सुधाकर आशावादी ने भी योग के बारे में प्रकाश डाला। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार संपादक रवि कुमार बिश्नोई सुन्दर स्वरूप शर्मा आदि विशेष रूप से मौजूद रहे। योग शिविर की सफलता में अमन राजकुमार का भी विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम अत्यंत सफल रहा और सभी ने नागरिकों की भावनाओं और देश के गौरव तथा मानवीय सुविधाओं से जुड़े इस आयोजन के लिए अंकित बिश्नोई की मुक्त कंठ से प्रशंसा की गई।

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