Thursday, November 21

सपा मेरे साथ कुछ भी कर सकती है,  मायावती ने योगी सरकार से की सुरक्षा बढ़ाने की अपील

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लखनऊ 08 जनवरी। लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही उत्तर प्रदेश में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अखिलेश यादव की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी पर लगातार दूसरे दिन निशाना साधा है। उन्होंने सपा को दलित विरोधी पार्टी करार देते हुए किसी अनहोनी की आशंका जाहिर की है। मायावती ने योगी सरकार से अपनी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने और बसपा पार्टी कार्यालय को दूसरी जगह शिफ्ट करने की गुजारिश की है।
मायावती ने आज कहा, ‘सपा अति-पिछड़ों के साथ-साथ जबरदस्त दलित-विरोधी पार्टी भी है। हालाँकि बीएसपी ने पिछले लोकसभा आमचुनाव में सपा से गठबन्धन करके इनके दलित-विरोधी चाल, चरित्र और चेहरे को थोड़ा बदलने का प्रयास किया। लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद ही सपा पुनः अपने दलित-विरोधी जातिवादी एजेंडे पर आ गई।’

बसपा सुप्रीमो ने सोशल मीडिया एक्स पर आगे लिखा कि अब सपा मुखिया जिससे भी गठबन्धन की बात करते हैं उनकी पहली शर्त बसपा से दूरी बनाए रखने की होती है, जिसे मीडिया भी खूब प्रचारित करता है। वैसे भी सपा के 2 जून 1995 सहित घिनौने कृत्यों को देखते हुए और इनकी सरकार के दौरान जिस प्रकार से अनेकों दलित-विरोधी फैसले लिए गए हैं। जिनमें बीएसपी यूपी स्टेट ऑफिस के पास ऊँचा पुल बनाने का कृत्य भी है, जहाँ से षड्यन्त्रकारी अराजक तत्व पार्टी दफ्तर, कर्मचारियों और राष्ट्रीय प्रमुख को भी हानि पहुँचा सकते हैं।

उन्होंने पार्टी दफ्तर के पास ऊंचा पुल बनाए जाने की बात रखते हुए आगे कहा कि इस वजह से पार्टी को महापुरुषों की प्रतिमाओं को वहाँ से हटाकर पार्टी प्रमुख के निवास पर शिफ्ट करना पड़ा। इसके साथ ही, इस असुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा सुझाव पर पार्टी प्रमुख को अब पार्टी की अधिकतर बैठकें अपने निवास पर करने को मजबूर होना पड़ रहा है, जबकि पार्टी दफ्तर में होने वाली बड़ी बैठकों में पार्टी प्रमुख के पहुँचने पर वहाँ पुल पर सुरक्षाकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती करनी पड़ती है।

पूर्व सीएम ने कहा, ‘ऐसे हालात में बीएसपी, यूपी सरकार से वर्तमान पार्टी प्रदेश कार्यालय के स्थान पर अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर व्यवस्था करने का भी विशेष अनुरोध करती है, वरना फिर यहाँ कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है। इसके साथ ही, दलित-विरोधी तत्वों से भी सरकार सख़्ती से निपटे, पार्टी की यह भी माँग है।’

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