Thursday, November 21

टेक लाइफ वन हे घट टाइम का भव्य विमोचन समारोह

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मेरठ, 21 अप्रैल। सेंट मेरीज एकेडमी में अध्ययनरत कक्षा के छात्र अभिजीत सिंह खरखर हे सद्यः प्रकाशित कहानी-संकलन ‘टेक लाइफ बन हे एट टाइमकान बलब में शानदार तरीके से सम्पन्न हो गया है। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम की अध्यक्षता परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश (उत्तराखण्ड) की साध्वी भगवती सरस्वती ने की। मुख्य अतिथि पद पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मेरठ के अध्यक्ष एवं जिला जज रजत सिंह जैन आसीन थे। कहानी संकलन की विषयवस्तु का प्रतिपादन तथा समालोचना एन.सी.ई.आर.टी.. नई दिल्ली के पूर्व-निदेशक पद्‌मश्री प्रो. जे. एस. राजपूत ने किया।

सेंट मेरीज एकेडमी, मेरठ के सुपीरियर रेव ब्रदर पॉल के., सेंट पेट्रीक्स एकेडमी के प्रिंसिपल ब्रदर अर्नेस्ट मार्टिन तथा विद्या प्रकाशन मन्दिर प्रा. लि. के प्रबन्ध निदेशक सौरभ जैन विमोचन समारोह के विशिष्ट अतिथि थे। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम का शुभारंभ देवि सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इसके बाद मंचासीन अतिथिगण का हरित पादप प्रदान करते हुए सम्मान किया गया। इसी के साथ बच्चों ने अतिथियों के सम्मुख मनोहारी स्वागत गान एवं नृत्य प्रस्तुत किया। रामनगर की उ.प्र. पुलिस के डी.एस.पी. रति खोखर ने अपने स्वागत भाषण में उपस्थित बुद्धिजीवियों का हार्दिक अभिनंदन किया। इसी क्रम में कहानी संकलन ‘टेक लाइफ वन डे एट ए टाइम’ का विमोचन किया गया।

एन.सी.ई.आर.टी., नई दिल्ली के पूर्व निदेशक प‌द्मश्री प्रो. जे. एस. राजपूत ने कहा कि मैंने पुस्तक को आद्योपान्त पढ़ा है। मैंने पाया है कि बाल-कथाकार ने अपने जीवन के ईर्द-गिर्द जीवन्त घटनाओं का सूक्ष्म अवलोकन करते हुए उनके सम्यक् विश्लेषण के बल पर विवेकसंगत निष्कर्ष निकालने की अदभुत क्षमता का प्रदर्शन किया है। अपने मूल्यांकन में मुझे लेख में सृजनात्मक कौशल के साक्ष्य मिले हैं जो भविष्य में बालक की अन्तर्निहित शक्तियों के पर्याप्त अभिप्रकाशन का संकेत देते हैं।

लेखक अभिजीत सिंह खोखर ने अपनी पुस्तक के लेखन सम्बन्धी मीठे अनुभवों को बताते हुए इस कर्मसाधना के लिए अपने मम्मी-पापा तथा दादा-दादी का अमूल्य आशीर्वाद बताया। मुख्य अतिथि मेरठ के जिला जज रजत सिंह जैन ने विमोचित कहानी संकलन की सराहना करते हुए इसे उदीयमान कहानीकार का प्रेरणादायी प्रयास कहा। वैश्विक स्तर पर ख्याति प्राप्त ‘अन्तर्राष्ट्रीय योग उत्सव की निदेशक तथा अपने आध्यात्मिक प्रवचनों के माध्यम से मानवता की बहुआयामी सेवा करने वाली साध्वी भगवती सरस्वती ने अक अध्यक्षीय भाषण में हिमालय की गंगोत्री से निकली पवित्र गंगा नदी की महत्ता का बखान करते हुए भारतीय आध्यात्मिक संस्कृति को विश्व मानवता की समृद्ध धरोहर कहा। उन्होंने कहारक बच्चे कहानियाँ सुनना और पढ़ना पंसद करते हैं, इसलिए कहानियों के माध्यम से भारत कहा कि वाली पीढ़ियों को अच्छे संस्कारों, सदगुणों व श्रेष्ठ आचरण की शिक्षा देना हमारा ना और धर्म है।

पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के अन्तिम चरण में मंचासीन अतिथिगण पुस्तक के चित्रकार, डिजाइनर तथा मंच-संचालिका उर्मीत कौर को प्रतीक चिह्न प्रदान कर और शॉल ओदकार सम्मानित किया गया। अन्त में डॉ. रोहित खोखर ने समस्त अतिथिगण, उपस्थितजन तथा कार्यक्रम सहयोगियों का धन्यवाद किया। कार्यक्रम का अन्त राष्ट्रगान के साथ हुआ। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में बिक्रम सिंह खोखर, शशि खोखर, डॉ. रोहित खोखर, निधि सिंह, अन्वीक्षा वर्मा, रवि खोखर, जय शंकर आत्रेय, राजीव ओबराय एवं पंकज जैन आदि उपस्थित रहे।

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