देहरादून 21 अक्टूबर। केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब रोपवे के लिए अब दोबारा से टैंडर होंगे। दोनों रोपवे परियोजनाओं के लिए आमंत्रित की गई निविदा में बोलीदाता कंपनियों द्वारा निर्धारित लागत से 30 प्रतिशत तक अधिक राशि की बोली लगाने के मद्देनजर यह कदम उठाया जा रहा है। रीटेंडरिंग होने के बाद तीन साल के भीतर दोनों रोपवे का निर्माण कराने का लक्ष्य है।
केंद्र सरकार हिमालयी राज्यों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए रोपवे कनेक्टिविटी पर जोर दे रही है। इसी क्रम में शुरू की गई पर्वतमाला योजना में केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की रोपवे परियोजनाएं भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन रोपवे परियोजनाओं का शिलान्यास कर चुके हैं। इनके निर्माण का जिम्मा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के पास है। कुछ समय पहले दोनों परियोजनाओंके लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे।
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के निदेशक अवस्थापना दीपक डिमरी ने प्राधिकरण से मिली सूचना का हवाला देते हुए बताया कि टेंडर प्रक्रिया में शामिल हुई कंपनियों ने इन रोपवे के लिए निर्धारित लागत से 30 प्रतिशत तक ज्यादा राशि की बोली लगाई है। नियमानुसार 10 प्रतिशत से ज्यादा बोली आने पर रीटेंडरिंग की जाती है। अब प्राधिकरण दोबारा से टेंडर आमंत्रित कर यह प्रक्रिया इस माह के आखिर अथवा नवंबर के प्रथम सप्ताह तक पूर्ण करा लेगा ।
राज्य में 50 रोपवे का है लक्ष्य डिमरी के अनुसार राज्य में 50 रोपवे प्रस्तावित हैं। इनमें केदारनाथ, हेमकुंड साहिब, मसूरी, यमुनोत्री व पूर्णागिरि रोपवे भी शामिल हैं। राज्य सेक्टर के तीन रोपवे को छोड़कर शेष सभी का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण कराएगा। वह प्रथम चरण में केदारनाथ व हेमकुंड साहिब का निर्माण कराने जा रहा है, शेष को अगले चरण में शामिल करेगा।
सुरक्षा को त्रिस्तरीय तकनीकी डिमरी ने कहा कि रोपवे परियोजनाएं इको फ्रेंडली होने के साथ ही सबसे सुरक्षित भी हैं। अब इनमें त्रिस्तरीय तकनीकी का उपयोग हो रहा है। इसके तहत रोपवे में तीन अतिरिक्त केबल लगाए जाते हैं। यदि किसी केबल में दिक्कत आती है तो उसे तुरंत दूसरे में शिफ्ट कर दिया जाता है।
जल्द बनेंगे तीन रोपवे
परिषद के निदेशक अवस्थापना ने बताया कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से मसूरी देहरादून, खरसाली-यमुनोत्री और पूर्णागिरि रोपवे का निर्माण करा रही है। मसूरी रोपवे का कार्य पीपीपी मोड में हो रहा है। संबंधित कंपनी ने कार्यों की शुरुआत कर दी है। इस रोपवे पर 26 टावर लगने उन्होंने बताया कि यमुनोत्री व पूर्णागिरि रोपवे के डिजाइन भी अब फाइनल स्टेज में हैं।