मेरठ 05 सितंबर (प्र)। देश की पहली सेमी हाईस्पीड रैपिड रेल नमो भारत का संचालन दिल्ली से मेरठ के मोदीपुरम तक 82 किलोमीटर रूट पर होना है. अभी नमो भारत दिल्ली से मेरठ दक्षिण तक संचालित है. अब एनसीआर में रैपिड रेल कॉरिडोर को विकसित करने और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस बनाने के लिए प्रयास शुरु हो चुके हैं. इसके लिए एनसीआरटीसी द्वारा दिलचस्पी दिखाई जा रही है. मेरठ विकास प्राधिकरण ने कॉरिडोर के आसपास के लिए जोनल प्लान बनाया है. वेस्ट यूपी का केंद्र बिंदु मेरठ है. यहां से उत्तराखंड जाना आसान होगा, वहीं दिल्ली भी महज 52 मिनट में पहुंचा जा सकेगा.
देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन नमो भारत रैपिड रेल के दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर पर कार्य प्रगति पर है. ऐसे में रैपिड रेल कॉरिडोर को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस बनाने के लिए एनसीआरटीसी द्वारा जोनल प्लान बनाया गया है. इस प्लान को मेरठ विकास प्राधिकरण को भेजा गया, जिसके बाद प्राधिकरण ने उसे पास करने के लिए शासन को भेज दिया है. इसमें मुख्य ग्राम्य एवं नगर नियोजक (CTCP) जोनल प्लान पर मुहर लगाने का काम करेगी.
क्या-क्या होंगे बदलाव
इसके बाद जोनल प्लान पर मेरठ विकास प्राधिकरण नागरिकों को जानकारी देने और आपत्ति लेने के लिए समय देगा. आपत्तियों के निस्तारण के बाद यह बोर्ड से पास होगा. मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष संजय मीना ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा तैयार की गई ट्रांजिट ऑरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) नीति के तहत यह जोनल प्लान बनाया गया है.
इससे शहरवासी रैपिड रेल कॉरिडोर क्षेत्र में न केवल आवासीय, कॉमर्शियल गतिविधियां कर सकेंगे बल्कि स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, रिजॉर्ट समेत कई कॉम्पलेक्स भी बनेंगे. जोनल प्लान को लागू करने के बाद दिल्ली-रुड़की रोड की रंगत निश्चित तौर पर बदल जाएगी. इससे आने वाले वाले समय में रैपिड और मेट्रो कॉरिडोर के दोनों तरफ और रैपिड मेट्रो स्टेशनों के आसपास मेरठ भी गुरुग्राम और नोएडा की तर्ज पर विकासित होगा.
ट्रांजिट ऑरिएंटेड डेवपलपमेंट नीति सावर्जनिक परिवहन प्रणालियों जैसे रैपिड और मेट्रो रेल नेटवर्क के आसपास होने वाले निर्माण पर केंद्रित है. इसका उद्देश्य मुख्य रूप से एक ही जगह को अलग-अलग उद्देश्य के लिए विकसित करना है. इससे पैदल चलना और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना आसान हो जाएगा.
इस नीति के तहत बनने वाले जोन में आवासीय से लेकर व्यावसायिक, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और कार्यालय आदि शामिल होते हैं. मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने बताया कि रैपिड रेल कॉरिडोर को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस बनाने के लिए एनसीआरटीसी द्वारा जोनल प्लान बनाया गया है. प्रदेश सरकार द्वारा तैयार की गई ट्रांजिट ऑरिएंटेड डेवलपमेंट नीति के तहत यह प्लान बना है.
9 जोन में बांटकर होगा विकास
एनसीआरटीसी के प्रवक्ता पीयूष वत्स ने बताया कि रैपिड में बांटकर जोनल प्लान तैयार किए है. कॉरिडोर के दोनों तरफ 500 मीटर और चारों रैपिड स्टेशनों के दोनों तरफ 1.5 किलोमीटर तक के क्षेत्रफल में विश्वस्तरीय आवासीय, व्यावसायिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी. इसे एरिया के आधार पर बांटा गया है. मेरठ के कॉरिडोर को अलग अलग जोन में विकसित किया जाएगा.
रैपिड रेल जोनल प्लान के 9 जोन
- एसडीए मेरठ साउथ- 296.14 हेक्टेयर
- एसडीए मोदीपुरम 456.70 हेक्टेयर
- टीओडी जोन-1 में 279.37 हेक्टेयर
- टीओडी जोन-2 में 315.38 हेक्टेयर
- टीओडी जोन-3 में 395.80 हेक्टेयर
6..टीओडी जोन-4 में 412.16 हेक्टेयर - टीओडी जोन-5 में 346.55 हेक्टेयर
- टीओडी जोन-6 में 556.32 हेक्टेयर
- टीओडी जोन-7 में 219.42 हेक्टेयर
यह सुविधाएं मिलेंग
रैपिड रेल कॉरिडोर के आसपास आने वाले समय में आवासीय और कॉमर्शियल बहुमंजिला इमारतें होंगी. इंटरनेशनल बोर्डिंग स्कूल से लेकर अस्पताल, रिजॉर्ट, क्लब, आईटी सेक्टर, कंपनियों के ऑफिस आदि भी होंगे. वहीं वेलनेस हब, डाटा सेंटर, एम्यूजमेंट पार्क भी विकसित किए जाएंगे.
इसी के साथ कॉलेज, प्राइमरी स्कूल, जूनियर हाईस्कूल, इंटर कॉलेज के अलावा डिस्पेंसरी, डायग्नोस्टिक सेंटर, लाइब्रेरी, बारातघर होगा. सामुदायिक केंद्र, लाइब्रेरी आदि भी वहां विकसित होगी.