मेरठ 14 अप्रैल (प्र)। पर्यावरण संतुलन बनाये रखने और डीजल व आवास से फैलने वाले प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए सरकार और माननीय न्यायालय द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर डीजल व आवाज वाले जनरेटर लगाने व रखने पर प्रतिबंध के साथ ही इसका पालन न करने वालों के विरूद्ध मुकदमा और जानकारों के अनुसार जुर्माने की व्यवस्था भी निर्धारित की गई है। मगर जिन सरकारी विभागों के हुकुमरानों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है उनकी लापरवाही के चलते आदेशों का पालन तो हो ही नहीं रहा। आबादी में किसी न किसी रूप में प्रदूषण भी बढ़ रहा है। मजे की बात तो यह है कि नागरिकों द्वारा इस संदर्भ में आवाज उठाये जाने के बावजूद भी नगर निगम और मेरठ विकास प्राधिकरण के अफसर कार्रवाही करने को तैयार नहीं है जबकि दूसरी तरफ सड़कों पर सामान रखने और कूड़ा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी इनके द्वारा आये दिन दी जाती है।
इस संदर्भ में नया प्रकरण चौकाने वाला है दिल्ली रोड़ स्थित कालोनी सरस्वती लोक का सामने आया है। यहां रहने वाले सरदार दशमीत सिंह आबराय एडवोकेट ने आरोप लगाया है कि सी ब्लॉक में रहने वाले मनोज जैन नमकीन वाले जैन साहब द्वारा बी ब्लॉक के पार्क में डीजल का जनरेटर रख दिया है क्योंकि यह दूसरे ब्लॉक में रहते है इसलिए इन्हें तो कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन जनरेटर के आसपास रहने वाले निवासियों का प्रदूषण के चलते सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। बताते चले कि अभी पिछले दिनों दिल्ली रोड़ पर ही स्थित सुपरटेक कालोनी में जनरेटर से आग लग चुकी है। फिर भी जेनरेटर अवैध रूप से पार्क में लगाने वाले मनोज जैन के खिलाफ शिकायतों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। दशमीत सिंह का कहना है कि उन्होंने लिखित में मेडा के प्रवर्तन अधिकारी और अन्य अफसरों को शिकायत दी मगर कोई कार्रवाई नहीं की गई। उनका कहना था कि इस संदर्भ में शीघ्र ही मेडा और नगर निगम के अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की तो वो उच्च न्यायालय का द्वार खटखटाने के लिए मजबूर होंगे।
