मेरठ 24 जून (प्र)। एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज पहुंची एक लड़की लिंग परिवर्तन कराकर लड़का बनना चाहती है। उसका कहना है कि वह दिखती लड़की है, मगर मन और हावभाव से लड़का है। उसके लिंग परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। एक साल तक उसकी काउंसिलिंग और हार्माेनल इलाज चलेगा। इसके बाद उसकी सर्जरी की जाएगी।
मेडिकल कॉलेज में यह इस तरह का पहला मामला नहीं है। पिछले ढाई साल में यहां छह लोगों के लिंग परिवर्तन हो चुके हैं। मेडिकल कॉलेज के प्लास्टिक सर्जन डॉ. भानु प्रताप सिंह ने बताया कि लिंग परिवर्तन के बाद यह शादी कर सकती है, पर इसके संतानोत्पत्ति नहीं हो पाएगी।
लड़कियों में एक्सएक्स क्रोमोसोम होते हैं, जबकि लड़कों में एक्सवाई क्रोमोसोम इसमें एक्सवाई हैं, जिस वजह से इसमें लड़के के लक्षण हैं। प्रशासन से अनुमति और कानूनी प्रक्रिया पूरी कर इसकी हार्माेनल दवाइयां और मनोचिकित्सक से काउंसिलिंग की जाएगी। सर्जरी से पहले शपथ पत्र भी लिया जाएगा दवाइयों से मदों जैसी आवाज और दाढ़ी आएगी। उन्होंने बताया कि जिन लोगों में यह सर्जरी की जाती है, उनमें जेंडर डिसमॉर्फिया या साइकलोजिकल डिसऑर्डर होता है। लड़कों में लड़कियों और लड़कियों में लड़कों जैसे लक्षण होते हैं।
ऐसे होता है लिंग परिवर्तन
डॉ. भानु प्रताप सिंह ने बताया कि सर्जरी में बड़ी आंत का इस्तेमाल नई वैजाइना बनाने के लिए किया जाता है यह प्रक्रिया सिग्मॉइड बैजिनोप्लास्टी के रूप में जानी जाती है। लड़का बनाने के लिए बाएं हाथ से मोटी खाल निकालकर ऑपरेशन के बाद पतली नसों को जोड़कर लिंग रोपण किया जाता है।
40 से 50 हजार रुपये आता है खर्च
प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने बताया कि इस सर्जरी और इलाज में करीब 40 से 50 हजार रुपये का खर्च आता है। निजी अस्पताल में यह सर्जरी कराने पर पांच से छह लाख रुपये खर्च आता है। मेडिकल के सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम यह करती है।