मेरठ 22 दिसंबर (प्र)। तकनीक के माध्यम से यातयात व्यवस्था को आधुनिक बनाने और अपराध नियंत्रण के लिए तीन साल पहले लागू की गई इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) योजना का अब विस्तार होने जा रहा है। दिल्ली रोड सहित शहर की सीमा से जुड़े चौराहों को आइटीएमएस कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। इसके लिए नगर निगम के निर्माण अनुभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। 15 जनवरी तक चौराहों का सर्वे पूरा करके विस्तृत कार्य योजना कमिश्नर के सामने प्रस्तुत की जाएगी। जिसके बाद फाइनल प्रस्ताव शासन के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।
वर्ष 2022 में करीब 32 करोड़ की लागत से शहर के आठ चौराहों को इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम योजना में शामिल किया गया था। उस वक्त दिल्ली रोड पर परतापुर इंटरचेंज से लेकर बेगमपुल तक और बेगमपुल से लेकर मोदीपुरम तिराहे तक रुड़की रोड पर रैपिड मेट्रो कारिडोर का निर्माण चल रहा था। जिस वजह से मोदीपुरम तिराहा, टैंक चौराहा, जीरो माइल, बेगमपुल चौराहा, रेलवे रोड चौराहा, मेट्रो प्लाजा फुटबाल चौराहा, टीपीनगर तिराहा, शाप्रिक्स माल तिराहे को आइटीएमएस योजना में शामिल नहीं किया गया था। इसके अलावा मवाना रोड पुल के पास क्रांति चौक, हापुड़ रोड पर बिजली बंबा बाईपास रोड पुलिस चौकी वाला चौराहा भी नहीं लिया गया था। इन चौराहों पर बिना सिग्नल प्रणाली के पुराने ढर्रे पर ही ट्रैफिक संचालन हो रहा है। अब दिल्ली रोड और रुड़की रोड पर रैपिड – मेट्रो कारिडोर बनकर तैयार हो गया है। ऐसे में नगर निगम ने बचे हुए प्रमुख चौराहों को भी आइटीएसएम योजना से जोड़ने की तैयारी शुरू की है। मुख्य अभियंता नगर निगम प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि सभी चौराहों का सर्वे कराया जाएगा। सीसीटीवी कैमरे सहित चौराहों को योजना से आच्छादित करने की सभी आवश्यकताओं की सूची बनाई जाएगी। जिसके आधार पर अनुमानित बजट का आकलन किया जाएगा।
वर्तमान में इतने चौराहे जुड़े नगर निगम स्थिति आइटीएमएस कंट्रोल रूम में वर्तमान में कमिश्नरी आवास चौराहा, जेलचुंगी चौराहा, यूनिवर्सिटी रोड डिग्गी तिराहा, तेजगढ़ी चौराहा, गांधी आश्रम चौराहा, बच्चा पार्क चौराहा, हापुड़ अड्डा और एल ब्लाक तिराहा जुड़े हैं। जिन पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।
ये होंगे लाभ
चौराहों पर लगे कैमरों के जरिए रेड लाइट जंप करने, बिना हेलमेट और सीट बेल्ट के ड्राइविंग करने, गलत दिशा में चलने वाले वाहनों के आनलाइन चालान सीधे वाहन स्वामियों के घर भेजे जाएंगे।
पुलिस को चेन स्नेचिंग या लूट जैसी घटनाओं के बाद अपराधियों का पीछा करने में मदद मिलेगी। चौराहों पर लगा इमरजेंसी बटन दबाकर आसपास दुर्घटना होने पर कंट्रोल रूम को सूचित कर मदद ले सकेंगे।
ट्रैफिक जाम की स्थिति में कंट्रोल रूम से सिग्नल के जरिए यातायात नियंत्रित किया जाएगा। चौराहों के आसपास दुर्घटना की स्थिति में वीडियो फुटेज प्राप्त कर साक्ष्य जुटाया जा सकेगा।
