Sunday, December 22

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पंड़ित नेहरू जी के बराबर में ही लगाई जा सकती थी मध्य प्रदेश विधानसभा में डा. भीमराव आंबेडकर जी की प्रतिमा

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भोपाल, 19 दिसंबर । मध्य प्रदेश विधानसभा में अध्यक्ष की आसंदी के पास लगी देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर को हटाकर उसके स्थान पर संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर की तस्वीर लगा दी गई है। पहले आसंदी की दांयी ओर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और बांयी ओर पं. नेहरू की तस्वीर लगी हुई थी। वर्ष 1997-98 में जब विधानसभा मिंटो हॉल से इस भवन में स्थानांतरित हुई थी तब महात्मा गांधी और पं. नेहरू की तस्वीर आसंदी के पास लगाई गई थीं। पं. नेहरू की हटाई गई तस्वीर को विधानसभा के पुस्तकालय में गांधी-नेहरू कक्ष में लगाया गया है। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने कहा कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के कार्यकाल में जुलाई के सत्र में ही पं. नेहरू की तस्वीर हटाई गई थी।

एपी सिंह ने कहा, तस्वीर बहुत पुरानी हो गई थी और खराब भी हो रही थी, इसलिए उसे हटाकर डा. आंबेडकर की तस्वीर लगाई गई है। कांग्रेस ने इस पर भाजपा को घेरा है। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने कहा कि डा. भीमराव आंबेडकर साहब हम सभी के आराध्य हैं और संविधान पीठ के अध्यक्ष भी रहे हैं। उनके सम्मान में कोई भी कोताही नहीं बरती जा सकती। उन्होंने कहा कि जिस प्रायोजित तरीके से पं. नेहरू की तस्वीर हटाई गई है, वह ओछी मानसिकता का परिचायक है। पं. नेहरू देशवासियों के दिल में विराजित हैं। भाजपाई विचारधारा उन्हें कितना भी अपमानित करे, उससे भाजपाइयों का कद कम होगा, पं. नेहरू का नहीं।

इस प्रकरण में भाजपा और कांग्रेस या अन्य दलों के नेता क्या कहते है वो एक अलग विषय है। लेकिन आम आदमी की निगाह में अंर्तराष्ट्रीय स्तर की ख्याति प्राप्त और देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले किसी भी व्यक्ति का चित्र या पहचान लोकसभा या विधानसभाओं में लगी है तो उन्हें हटाया नहीं जाना चाहिए। हां अगर किसी महापुरूष का चित्र लगाना हो तो वो भी उसके साथ लगाया जा सकता है। स्थान बनाकर फिर डा0 भीम राव अंबेडकर जी तो सर्वमान्य व्यक्तित्व के स्वामी है। इसलिए उनका चित्र मध्य प्रदेश विधानसभा में और लगाया जाता तो किसी को कोई एतराज भी नहीं होता। मुझे लगता है कि नव निर्वाचित मुख्यमंत्री को तुरंत जनभावनाओं का आदर करते हुए नेहरूजी की प्रतिमा पुराने स्थान पर और उनके बराबर में बाबा साहब की प्रतिमा भी सम्मान के साथ लगाई जानी चाहिए। जहां तक एमके सिंह का कहना है कि तस्वीर बहुत पुरानी हो गई तो उसके जगह नई भी लगवाई जा सकती थी हटाने की आवश्यकता नहीं थी।

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