मेरठ 07 जून (प्र)। न्याय की अवधारणा है कि न्याय सुलभ हो, समय से मिले और न्याय प्राप्त करने में अर्थ भी कम खर्च हो । यह अवधारणा अब उत्तर प्रदेश में ई-फाइलिंग केंद्र के रूप में साकार होने लगी है। प्रदेश का पहला ई-फाइलिंग केंद्र मेरठ कचहरी परिसर स्थित हेरिटेज भवन में शुरू चुका है। पड़ोसी जनपदों में भी इस माह में ही यह केंद्र शुरू करने की तैयारी है। ई-फाइलिंग केंद्र की मदद से उच्च न्यायालय में पहली याचिका भी दायर की जा चुकी है। इस ई-फाइलिंग केंद्र की बड़ी खासियत होगी कि यहां सर्वाेच्च न्यायालय में याचिका दायर करने की सुविधा भी मिलेगी।
उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 29 मई को विधिवत कचहरी परिसर में ई-फाइलिंग केंद्र का शुभारंभ जिला जज रजत सिंह जैन ने किया। केंद्र शुरू होने से अब न्याय के लिए मेरठ से 678 किमी की दूर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जाने की जरूरत नहीं होगी। पहले ही दिन वरिष्ठ अधिवक्ता परवेज आलम ने केंद्र के माध्यम से पहली जमानत याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर की। याचिका से संबंधित कागजात की जांच के बाद सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की जाएगी। इसकी जानकारी संबंधित अधिवक्ता को उनके मोबाइल पर संदेश के माध्यम से मिलेगी ।
पांच हजार का काम हुआ मात्र 45 रुपये में: ई-फाइलिंग केंद्र पर अपने बेटे सोहेल की जमानत के लिए याचिका दायर कराने वाली शबनम ने बताया कि उसके बेटे के विरुद्ध थाना खरखौदा में धारा 395 आइपीसी के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में मार्च 2023 में वह इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर करने के लिए प्रयागराज गई थीं। इसमें उसके करीब पांच हजार रुपये खर्च हुए थे और तीन दिन का समय लगा था। हाई कोर्ट से उसके बेटे की जमानत मिल गई थी। 28 दिसंबर, 2023 को पुलिस ने सोहेल पर उत्तर प्रदेश राज्य अंतर्गत धारा 2/3 गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की। इस मामले में सोहेल 28 फरवरी से जेल में है। जिला जज कोर्ट ने 13 मार्च को सुहेल की जमानत खारिज कर दी। अब जमानत के लिए अपील याचिका हाई कोर्ट में योजित द्य होनी थी। इस बार अधिवक्ता परवेज आलम ने ई-फाइलिंग के माध्यम से याचिका दायर की है। नियमानुसार यहां मात्र 45 रुपये की रसीद काटी गई और उन्हें इसके लिए प्रयागराज भी नहीं जाना पड़ा। ऐसे में समय के साथ पैसा भी बचा । ई-फाइलिंग केंद्र पर फिलहाल एक कंप्यूटर, स्कैनर की व्यवस्था की गई है। साथ ही चार लोगों का स्टाफ तैनात है। वादों की कम संख्या के चलते अभी उपलब्ध सुविधा पर्याप्त है।
ई-फाइलिंग के लिए ये जरूरी
वादकारी को अपना आधार कार्ड,मोबाइल नंबर, ईमेल आइडी, डिजिटल हस्ताक्षर के साथ शपथ पत्र सत्यापित कर ई-फाइलिंग केंद्र में अपने वाद को प्रस्तुत करना होगा।
वर्चुअल होगी सुनवाई
अधिवक्ता परवेज आलम ने बताया कि जमानत याचिका की सुनवाई कचहरी परिसर स्थित कंप्यूटर कक्ष में वर्चुअल होगी। प्रकरण में बहस के बाद आदेश उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। वर्चुअल बहस करने के लिए मेरठ न्यायालय परिसर में पहले से अच्छी व्यवस्था है। ऐसे में उन्हें केस में बहस के लिए प्रयागराज नहीं जाना होगा।
राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकान्त बाजपेयी ने कहा कि ई-फाइलिंग केंद्र शुरू कराने के लिए कई बार प्रकरण को उचित मंच पर रखा, जिसके सुखद परिणाम सामने आए। मैं खुद केंद्र पर सुविधाओं के विस्तार के लिए अपनी निधि से बजट प्रदान करूंगा। व्यवस्था शुरू होने से वादकारियों के साथ अधिवक्ताओं को भी प्रयागराज के चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी।