Friday, July 26

प्रतिष्ठित सदर व्यापार मंडल में अभी और हो सकता है बिखराव, मंदिर समिति को लेकर नहीं है कोई विवाद, अमित सिंघल और सुनील दुआ एक दूसरे के क्यों हुए विरोधी

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मेरठ 06 जनवरी (प्र)। क्षेत्रफल और सदस्य व्यापारियों की संख्या के चलते जनपद के प्रतिष्ठित व्यापार संघो में से एक सदर व्यापार मंडल में कुछ दशक पूर्व जब व्यापारी नेता स्वर्गीय सुशील चन्द एल्फा और विनोद जायसवाल के प्रयासों से महाबली हनुमान जी की प्रतिमा और भगवान शिव की प्रतिमा की स्थापना हुई और उन्होंने धीरे धीरे मंदिर का रूप लेकर जो प्रतिष्ठिा प्राप्त की तथा घंटाघर के कारण हुई प्रमुखता प्राप्त के बाद से यह व्यापारियों का संगठन हमेशा ही सम्मान की दृष्टि से इस क्षेत्र में देखा जाता रहा।
लेकिन कुछ वर्ष पूर्व जब हनुमान चौक और शिव चौक में आने वाला चढ़ावा तथा यहां खड़े होने वाले वाहनों से घूमाफिराकर पैसा आने की चर्चा शुरू हुई तो जो विवाद खुले या ढके रूप में शुरू हुआ अब वो पूरी तौर पर खुलकर सामने आने लगा है। क्योंकि लगभग 700 व्यापारियों के सदर व्यापार मंडल से लगभग 125 व्यापारियों ने वार्ड पांच को बाम्बे बाजार व्यापार मंडल बना लिया। और बाकी 2,3 और 4 वार्ड के व्यापारी भी मौखिक रूप से सुगबुगहाट के चलते अपना व्यापार मंडल अलग बनाने की तैयारी में लग गये बताया जा रहा है कि अगर ऐसा होता है तो फिर सदर व्यापार मंडल के वर्तमान पदाधिकारी मात्र 1 नम्बर वार्ड तक ही जानकारी अनुसार सिमट कर रह जाएंगे। अभी वर्तमान सदर व्यापार मंडल के चुनाव को लेकर किसी जमाने में एक जिस्म दो जान के रूप में चर्चित इसके अध्यक्ष सुनील दुआ और महामंत्री अमित बंसल आमने सामने आ गये है इसके पीछे क्या कारण रहे वो एक अलग बात है लेकिन इनमें हुई रार ने उन व्यापारियों को हौंसला दिया जो इससे पूर्व किसी विवाद में न पड़कर सीधे सीधे अपने व्यापार पर ध्यान दे रहे थे।
हनुमान व शिव चौक मुद्दा नहीं
जहां तक शिव चौक और हनुमान चौक पर आने वाले चढ़ावे की बात करे तो इस समय यह कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि सभी व्यापारी गुटों का मानना है कि इस समय मंदिरों की कमेटी अध्यक्ष के रूप में रवि महेश्वरी जी के हाथ में सुरक्षित है और जब से ये बने है किसी पर की गड़बड़ी की खबरे भी चंदे को लेकर चर्चाओं में नहीं है। फिलहाल बताते है कि जब से रवि महेश्वरी ने काम संभाला दोनों मंदिरों का जीर्णोद्वार और सुन्दरता के लिए काम हो रहा है।
वहानों
और यहां खड़े होने वाले वाहनों का ठेका तो वैसे कैन्ट बोर्ड छोड़ता है या उसके द्वारा छोड़े गये कर्मचारी किराया वसूलते है। फिर भी मौखिक रूप से चर्चा चलती रही है कि अनाधिकृत रूप से भी वाहन खड़े कराकर वसूली होती है ये कौन करता है कौन नहीं इस बारे में कोई भी बोलने को तैयार नहीं है।
जितना दिखाई दे रहा है उसके हिसाब से अमित बसंल और सुनील दुआ बिक्की के बीच के विवाद के चलते बिखर रहे सदर व्यापार मंडल को एक जुट रखने और नाराज व्यापारियों को मनाने का कोई साकारात्मक प्रयास होता नजर नहीं आ रहा है।
कुछ सदर व्यापार मंडल के पदाधिकारियों का कहना है कि बाम्बे बाजार व्यापार मंडल के ज्यादा तर व्यापारियों ने दिसम्बर 2024 तक का चंदा हमें भी दिया है इस संदर्भ में चर्चा है कि बाम्बे बाजार व्यापार संघ गठन से पूर्व 80 व्यापारी चंदा दे चुके थे मगर अब उन्होंने नये व्यापार मंडल को पूरा समर्थन दे रखा है। इस संदर्भ में बाम्बे बाजार व्यापार संघ के महासचिव काजी जावेद अहमद का कहना है कि एक व्यापारी कई संगठनों का सदस्य हो सकता है इसलिए हमारा किसी से कोई विवाद नहीं है।

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