Saturday, December 21

गरीब आदमी को महंगाई की मार से बचाने हेतु गंगा मोटर कमेटी तय करे अंतिम संस्कार में काम आने वाली सामग्री के दाम, धार्मिक कुंड में स्नान की व्यवस्था पुनह शुरू कराई जाए

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मेरठ 30 अप्रैल (विशेष संवाददाता)। गरीब और आम आदमी बच्चा पैदा होने से लेकर मरने तक सब में इस समय महंगाई की मार झेल रहा है। और चारों तरफ निगाह दौड़ा रहा है कि कोई भगवान का दूत आये और इस महंगाई से राहत दिलाये। बीते दिनों कुछ लोगों के बीच हो रही चर्चा में एक विशेष तथ्य उभरकर आया कि गाजियाबाद में हिंडन और दिल्ली आदि में अंतिम संस्कार के दौरान उपयोग होने वाली लकड़ी व अन्य सामग्री उचित तय दरों पर उपलब्ध कराई जाती है। तथा अंतिम संस्कार कराने वालों के पैसे भी तय होते है। तो फिर मेरठ में गंगा मोटर कमेटी यह व्यवस्था क्यों नहीं कर सकती।

बताते है कि पिछले दिनों कुछ लोगों द्वारा व्यक्तिगत रूप से गंगा मोटर कमेटी के अध्यक्ष दिनेश जैन जी से मिलकर उन्हें इस संदर्भ में सुझाव देने का भी प्रयास किया गया था। लेकिन मुलाकात न होने के चलते ऐसा हो नहीं पाया। इन नागरिकों का मत था कि गंगा मोटर कमेटी सभी सामान एक जगह उपलब्ध कराने का अच्छा काम कर रही है। क्या ही अच्छा हो कि वो सूरजकुंड सहित मेरठ के सभी शमशान घाटों पर तय दरों पर लकड़ी और अन्य सामान उपलब्ध कराने के साथ ही अंतिम संस्कार कराने वालों की दी जाने वाली राशि भी तय कर दे जिससे गरीब आदमी पर जो बोझ मौसम के अनुसार लकड़ी व अन्य सामान पर महंगाई को झेलना पड़ता है उससे वो बच सके।

मेरा भी मत है कि पूर्व मंडलायुक्त श्री देवदत्त जी द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान सूरजकुंड पर जो पवित्र कुंड बनवाया गया था और उसमें पांच पवित्र नदियों का जल डलवाकर मृतक को अंतिम संस्कार कराने की व्यवस्था की गई थी उसे पुनः लागू किया जाए।
बताते चले कि उस समय श्री देवदत्त ने धार्मिक रीति रिवाजों व भजन कीर्तन के बीच मृतक को मोक्ष दिलाने की भावना के तहत यहां स्नान कराने की व्यवस्था कराई गई थी तथा उस समय के मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री जेसी आदर्श ने भी यहां आने जाने वालों को परेशानी न हो इसके लिए कई सुविधाऐं यहां उपलब्ध कराई गई थी।

मेरा मानना है कि जनहित में गंगा मोटर कमेटी अपने स्तर पर अंतिम संस्कार में काम आने वाली सामग्री आदि की भी दरें तय करें एवं कमिश्नर व डीएम और मेरठ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से मिलकर यहां जो और सुविधाऐं मृतकों के संग आने वालों को उपलब्ध कराई जा सकती है उसका प्रयास करना चाहिए।
(प्रस्तुतिः अंकित बिश्नोई राष्ट्रीय महामंत्री सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए पूर्व सदस्य मजीठिया बोर्ड यूपी)

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