Saturday, July 27

ट्रांसपोर्टर्स ने आरटीओ के सामने रखी समस्याएं

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मेरठ 05 अक्टूबर (प्र)। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल आज संभागीय परिवहन अधिकारी से मिले ट्रांसपोर्ट को होने वाली समस्याओं के विषय पर बात की।

पीटीओ के जी संजय द्वारा एक मार्बल ले कर आये ट्रक को व्यपारी के गोदाम से लाकर आरटीओ ऑफिस मे बन्द कर दिया गया था जिस पर तीन टन ओवरलोड और काफी सारे धारा लगाकर मोटा चालान काटा गया था जबकि एक्ट में लिखा है खड़ी गाड़ी को आरटीओ विभाग बंद नहीं कर सकता परंतु पीटीओ साहब ने अपना रुतबा दिखाते हुए ट्रक ट्रक को बन्द ही नहीं ओवर लोड ले चालान भी काट दिया साथ ही होरन, सीट बेल्ट फ़ोन पे बात करना आदि के चालान काट दिए। जिसका विरोध ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन मेरठ के पदाधिकारी ने आरटीओ ऑफिस कार्यालय में किया।

हमारी गाड़ियों के 1या 2 कुंटल ओवर लोड पर चालान काटे जा रहे हैं जबकि केंद्र सरकार व राज्य सरकार ने ग्रॉस वेट पर 5ः की छूट दी गई है। किसी भी राज्य में 5ः से ऊपर ओवरलोड पर चालान काटा जाता है लेकिन हमारे उत्तर प्रदेश खासकर मेरठ में अगर एक या दो कुंटल भी वजन बढ़ जाता है तो उस पर चालन किया जाता है। तथा वाहन बंद कर दिया जाता है जिससे हमारे ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को जुर्माना देना पड़ता है साथ ही भारी नुकसान उठाना पड़ता है

कुछ लोगों ने ओवरलोड के टोकन के नाम से अवैध वसूली धंधा आरटीओ ऑफिस में बनाया हुआ है इसके विषय में आरटीओ साहब को अवगत कराया जो लोग यह कार्य कर रहे हैं उन खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई तो मजबूरन ट्रांसपोर्ट को आंदोलन करना पड़ेगा।

आये दिन लोकल ट्रको का चालान के नाम पर उत्पीड़न हो रहा हैँ अगर ट्रक के पोलुशन खत्म हो गया हैँ तो चालान केवल पोल्लुशन का नहीं सीट बेल्ट और होरन का साथ में लगाया जाएगा।
प्राइवेट बसों और रोडवेज बसों द्वारा माल की ढुलाई की जा रही है जिससे कि ट्रांसपोर्टरों को बहुत ज्यादा नुकसान झेलना पड़ रहा है। आपसे अनुरोध है कि इस को जल्द से जल्द बंद कराया जाए। अन्यथा ट्रांसपोर्टरों को विवश होकर कठोर कदम उठाने पड़ेंगे।
इस पर उचित कार्रवाई कर जल्द ही हमारी समस्याओं का समाधान करवाएं। अगर हमारी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो विवश होकर आंदोलन व चक्का जाम करना पड़ेगा।

इस दौरान गौरव शर्मा अध्यक्ष पंकज अनेजा.अतुल शर्मा. रोहित कपूर. अंकुर प्रजापति.सुभाष शर्मानीरज शर्मा.पिंकू शर्मा.गगन शर्मा, नीरज आहूजा, संतोक सिंह. अहमद. आदि रहे।

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